नई दिल्ली: पूरी दुनिया की निगाहें इस समय इस खबर बनी हुई हैं कि कोरोना संक्रमण का इलाज कब मिलेगा. दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की जान जा रही है. अमेरिका, रूस, इटली, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, ब्राज़ील और भारत समेत कई शक्तिशाली देश कोरोना के इलाज पर काम कर रहे हैं. इस संघर्ष और संक्रमण के भय के बीच अमेरिका से अहम खबर मिली है. बताया जा रहा है कि अमेरिका में वैक्सीन के प्रथम चरण का मनुष्यों पर सफल ट्रायल हुआ है.


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mRNA 1273 का इंसानी ट्रायल सफल


आपको बता दें कि अमेरिका के  बोस्टन स्थित बायोटेक कंपनी मॉर्डना ने सोमवार शाम इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जिन प्रतिभागियों पर उसके mRNA वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उनके शरीर में उम्मीद से अच्छी इम्यूनिटी बढ़ी है और साइड इफेक्ट्स भी मामूली हैं. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने प्रारंभिक चरण के ट्रायल के अंतरिम परिणामों के बारे में बताया. इसके अनुसार mRNA-1273 नाम का यह वैक्सीन जिस कैंडिडेट को दिया गया था, उसके शरीर में केवल मामूली दुष्प्रभाव देखे गए और वैक्सीन का प्रभाव सुरक्षित और सहनीय पाया गया.


जुलाई में वैक्सीन का दूसरा ट्रायल


कंपनी ने वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है और ह्यूमन ट्रायल के नतीजे भी काफी बेहतर मिले हैं. कंपनी ने कहा है कि ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजे सकारात्मक आने के बाद जुलाई में वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण शुरू हो जाएगा. महत्वपूर्ण बात ये है कि अगर तीसरा चरण सफल रहा तो कंपनी वैक्सीन बनाने का लाइसेंस हासिल करने के लिए अप्लाई कर सकेगी.


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कम्पनी का उत्साह बढ़ा


उल्लेखनीय है कि कम्पनी का यह भी कहना है कि जिन कैंडिडेट्स को वैक्सीन दी गई उनका इम्यून सिस्टम कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाया गया. मॉर्डना के सीईओ स्टीफन बैंलेस ने कहा कि शुरुआती नतीजों ने हमें उत्साह से भर दिया है और इससे बेहतर डाटा की उम्मीद नहीं की जा सकती थी. कोरोना की वैक्सीन के सफल ट्रायल की खबर फैलने के बाद मॉर्डना के शेयर में जबर्दस्त उछाल आया है. फरवरी के बाद से कंपनी के शेयर की कीमत 3 गुना से अधिक हो गई है.


सभी को दी गयी एक समान खुराक


आपको बता दें कि पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले हर शख्स को 25, 100 या 250 माइक्रोग्राम की खुराक दी गई थी. प्रत्येक खुराक समूह में 15 लोग रखे गए थे. अंतरिम परिणामों से पता चला कि एंटीबॉडी समान स्तर पर था जो आमतौर पर उन लोगों के रक्त के नमूनों में देखे गए थे जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे. गौरतलब है किअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन आ सकती है.