Sexual violence: सूडान में महिलाओं ने सशस्त्र मिलिशिया द्वारा बलात्कार से बचने के लिए आत्महत्या कर ली है. दरअसल, वहां संघर्ष चल रहा है, जिस कारण यौन हिंसा का खतरा बढ़ गया है और अनेक महिलाओं और बच्चों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.


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अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार, व्यापक भूखमरी, बीमारी और यौन हिंसा के कारण 140 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं.


सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय तथ्य-खोज मिशन ने खुलासा किया है कि अर्धसैनिक बल विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बना रहे हैं. अध्यक्ष मोहम्मद चांदे ओथमान ने यौन गुलामी के लिए महिलाओं और लड़कियों के अपहरण के चिंताजनक मुद्दे को रेखांकित करते हुए कहा कि सूडान में कोई सुरक्षित आश्रय नहीं है.


हॉर्न ऑफ अफ्रीका में महिलाओं के लिए रणनीतिक पहल की क्षेत्रीय निदेशक हाला अल-करीब ने कहा, 'युद्ध के पहले दिन से ही महिलाओं को यौन हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. सहायक बल और मिलिशिया राजधानी खार्तूम में घरों में घुसकर बलात्कार और यौन हिंसा की कई वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और यह सिलसिला जारी है.'


सच तो यह है कि सूडान में यौन हिंसा और बलात्कार की घटनाएं अभी की नहीं हैं. अल-करीब ने कहा कि ये मुद्दे देश में 20 साल से भी ज़्यादा समय से मौजूद हैं, लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद से इनमें काफ़ी इज़ाफा हुआ है.


उन्होंने कहा, 'हमारे शरीर का इस्तेमाल युद्ध के औजारों और हथियारों के रूप में किया जा रहा है. यह दुखद है कि मध्य सूडान में महिलाएं आत्महत्या का सहारा ले रही हैं क्योंकि वे सशस्त्र मिलिशिया द्वारा किए जाने वाले सामूहिक बलात्कार और यातना के दर्द को सहन नहीं कर सकती हैं.'


उन्होंने यह भी बताया कि सूडान में सशस्त्र मिलिशिया द्वारा विभिन्न प्रकार के युद्ध अपराध किए जा रहे हैं, जिससे देश में बुनियादी ढांचे पर युद्ध के विनाशकारी प्रभाव और बड़े पैमाने पर हो रहे नरसंहार पर प्रकाश पड़ता है.


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