नई दिल्ली: ताइवान और चीन के बीच फिर एक बार तनाव बढ़ गया है. इस बीच ताइवान के रक्षा मंत्री चिऊ कुओ-चेंग ने बुधवार को कहा कि अगर चीन के लड़ाकू विमानों और ड्रोन ने हमारे हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. हालांकि उन्होंने किसी विशिष्ट कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.


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चीन ने पहले हमला किया तो क्या होगा?
चेंग ने सांसदों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन का रुख बदल गया है और अगर उसने 'पहले हमला' किया तो माकूल जवाब देना पड़ेगा. अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन ने ताइवान के निकट सैन्य अभ्यास और मिसाइल परीक्षण तेज कर दिए हैं.


साथ ही उसने ताइवान जलडमरूमध्य में दोनों देशों को विभाजित करने वाली सीमा के पास लड़ाकू विमान भेजे हैं. पैलोसी की यात्रा 25 साल के बाद किसी उच्च स्तरीय अमेरिकी अधिकारी की पहली ताइवान यात्रा थी.


मिसाइलें दागने को लेकर ताइवान की चुनौती
चीन ताइवान जलडमरूमध्य में विभाजन रेखा के अस्तित्व को मानने से इनकार करता रहा है. साथ ही उसने जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में ताइवान के ऊपर मिसाइलें दागकर स्थापित मानदंडों को चुनौती दी है.


चिऊ ने कहा, 'हमने पहले कहा था कि, यदि उन्होंने पहला हमला नहीं किया, मिसाइल नहीं दागी, तो हम पहला हमला नहीं करेंगे. लेकिन स्थिति स्पष्ट रूप से बदल चुकी है.' सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सांसद लो चिह-चेंग ने पूछा कि क्या चीनी विमानों की ताइवानी क्षेत्र में घुसपैठ को पहला हमला माना जाएगा तो चिउ ने हां में जवाब दिया.


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