नई दिल्ली.  एफएटीएफ पहले कई बार मौका दे चुका है पाकिस्तान को और अब बहुत जल्द वह पाकिस्तान के भाग्य का फैसला करने वाला है. अगर एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड कर दिया तो इस देश में भुखमरी की नौबत आ सकती है. अब जब यह वैश्विक संस्था पाकिस्तान को लेकर अपनी निर्णायक बैठक करने वाली है, ये खबर सामने आई है कि पाकिस्तान में सरकार आतंकियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है.


आतंक के खिलाफ दोगला है पाकिस्तान 


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दुनिया के सामने अब वो सच आ गया है जिस की तरफ भारत हमेशा से ध्यानाकर्षित कराता रहा है. आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान की दोहरी नीति सामने आ गई है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चिंतित है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का सिर्फ ढोंग कर रहा है जबकि सच इसके बिलकुल विपरीत है.


आतंकियों की पाकिस्तानी सूची 


पकिस्तान की इमरान खान सरकार द्वारा पिछले वर्ष आतंकवादियों की एक सूची जारी की गई थी. इस सूची में उन 88 आतंकियों के नाम थे जो पाकिस्तान में मौजूद हैं. आतंकियों की इस सूची में एक नाम दाऊद अब्राहिम का भी है जो भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है. मुंबई में वर्ष 1993 में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड दाऊद इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भाग गया था. 


टेरर फंडिंग चल रही है 


जानकारी मिली है कि पाकिस्तान आतंकियों की आर्थिक मदद कर रहा है. सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान  सरकार द्वारा 21 खतरनाक आतंकियों को विशेष महत्वपूर्ण सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही . सरकार द्वारा वीआईपी सुरक्षा प्राप्त इन आतंकियों में वे आतंकी भी शामिल हैं, जिन पर अगस्त 2020 में प्रतिबंध लगे थे. दाऊद इब्राहिम के अलावा इन आतंकियों में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का आतंकी रंजीत सिंह नीता भी सम्मिलित है. 


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