दिल्ली: ये कहानी एक ऐसी राजकुमारी की है जिससे जुड़े रहस्य आज भी दुनिया के तमाम एक्सपर्ट्स को भी उलझा जाते हैं. क्योंकि वो बहुत ही अमीर खानदान से ताल्लुकात रखती थी, फिर भी उसने जुर्म का रास्ता चुना और शबनम सा अंदाज़ रखने वाली वो हसीना बन गई. जुर्म की दुनिया में द साइको प्रिंसेज़, जिसकी दास्तां शुरू होती है एक सनसनीखेज़ अपहरण से.


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फिर 18-19 साल की लड़की को घर में घुसकर किडनैप कर लिया गया था. उसके ब्वॉयफ्रेंड को पीटा गया था और बंदूक की नोंक पर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया जाता है. किडनैपर्स को जरा भी डर नहीं था और पुलिस को हल्की सी भी भनक नहीं थी.


जब उदय हुआ द साइको प्रिंसेज नाम से मशहूर हसीना का


अब अमरीकी पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी, लेकिन पुलिस उस किडनैपिंग का सुराग ढ़ूंढ पाती उससे पहले, उनके सामने आई एक चौंकाने वाली तस्वीर. इस तस्वीर के सच को समझने के लिए पहले आपको उस हसीना की कहाना जाननी होगी. जो है द साइको प्रिंसेज.


घर में घुस कर एक लड़की को उठा लेना ये कोई छोटी वारदात नहीं थी. सवाल सीधे-सीधे पुलिस और सिस्टम पर था और इस गुत्थी को सुलझाने का दबाव और भी ज़्यादा बड़ा था. क्योंकि किडनैप हुई थी वो हसीना, जो खुद सामने आकर पूरे अमेरिका को चौंकाने वाली थी.


पैटी को किडनैप करना चाहता था एसएलए



पिछले 3 सालों से अपने ब्वॉयफ्रेंड स्टीवन वीड के साथ वक्त गुज़ारने के बाद पैटी और स्टीवन ने शादी करने का फैसला लिया, जिसकी खबर हर जगह छपी. वहीं से एसएलए की नजर पैटी पर पड़ी और एसएलए उसतक पहुंचने के लिए प्लान तैयार करने लगा. एसएलए पैटी को इस लिए किडनैप करना चाहता था क्योंकि पैटी के पिता का अमेरिका में बहुत ही बड़ा मीडिया वेंचर था और उसके पिता की पहुंच सीधे सरकार तक थी.


4 फरवरी 1974


चारों तरफ हल्का अंधेरा हो चुका था. कुछ लोग पैटी और उसके ब्वॉयफ्रेंड के घर में घुसते हैं और उसके ब्वॉयफेंड को पीटना शुरू कर देते हैं और पैटी को उठाकर कार की डिक्की में डालकर दनादन गोलियां दागते हुए वहां से निकल जाते हैं. अब हर तरफ हंगामा मचा था. पैटी की किडनैपिंग खबरों में थी.


अमेरिका के सबसे बड़े मीडिया एंपायर से जुड़ा था ये मामला


इस किडनैपिंग ने सबका ध्यान उपनी ओर खींच लिया था क्योंकि अमेरिका के सबसे बड़े मीडिया एंपायर के मालिक रेनडोल्फ हर्स्ट की वो बेटी थी. वो रेनडोल्फ जिसका दबदबा उस वक्त अमेरिका की सियासत में सीधे तौर पर देखा जाता था और जिनका उठना बैठना अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ था.


ये किडनैपिंग उस वक्त की ही नहीं, आज भी अमेरिका की सबसे चर्चित किडनैपिंग का केस है, हालांकि उस वक्त पुलिस पर ज़बरदस्त दबाव था लेकिन पैटी तक कैसे पहुंचा जाए. ये समझ से परे था. पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था और दूसरी तरफ अब तक किसी भी तरह की फिरौती की मांग भी पैटी के घरवालों के पास नहीं आई थी. 



एफबीआई ने भी जांच शुरू की और किडनैप होने के 3 दिन बाद ये जानकारी मिली की पैटी को एसएलए ने किडनैप किया है और उसे छोड़ने के बदले वो अपने 2 साथियों को जेल से रिहा कराना चाहते थे.


एसएलए- ऑर्गनाइजेशन जो लाना चाहता था बदलाव


उस दौर में एसएलए वो ऑर्गनाइजेशन था जिसमें युवाओं की भागीदारी थी और जो अपने लिहाज़ से बदलाव लाना चाहते थे. वियतनाम में हो रहे युद्ध को खत्म करने के लिए ये संगठन सड़कों पर उतरा था. उन्हें लगा कि अब उसके पास पावर है और उन्होंने हथियार उठाने का रास्ता इस सोच के साथ चुना कि इसी के सहारे वो अपना मुकाम हासिल कर सकते थे.


इस ग्रुप के लोगों का ये विश्वास था कि इस आंदोलन को उसके मुकाम तक पहुंचाने के लिए हथियार के साथ आंदोलन की जरूरत है, जिसके सहारे सरकार के ऊपर दवाब बढ़ेगा. इन्होंने लेनिन को भी पढ़ा और कम्यूनिज्म को भी और उनको पूरा यकीन था कि इस सोसायटी में बदलाव के लिए आर्म्ड रिवेल्यूशन की ही जरूरत है.


रेडिकल आर्मी SLA अमरीकी शासन के लिए बनी बड़ी चुनौती


एसएलए अमेरिकी शासन के लिए बड़ी चुनौती थी. ये वो रेडिकल आर्मी थी जो खुद के नियमों को मानती थी. वियतनाम में युद्ध रोकने को लेकर शुरू हुए विरोध के साथ ये रेडिकल आर्मी अब और उग्र हो चुकी थी और हथियार इनके आंदोलन का सबसे अहम हिस्सा था. अमरीकी शासन ने पैटी हर्स्ट को छोड़ने के बदले एसएलए की मांग को मानने से इनकार कर दिया. ये एसएलए के लिए किसी झटके से कम नहीं था. 


कैलिफोर्निया के हर गरीब को खिलाया जाए खाना


दूसरी तरफ पैटी के पिता अपनी बेटी की आज़ादी के लिए हर कोशिश में लगे थे. तभी एसएलए की तरफ से एक टेप जारी किया जाता है जिसमें पैटी की रिहाई के लिए शर्त रखी जाती है कि कैलिफॉर्निया के हर गरीब को लगभग 70 डॉलर का खाना खिलाया जाए. यानी इसपर जो खर्च आता वो था लगभग 400 मिलियन डॉलर, जो कि बहुत ही बड़ी रकम थी.


वहीं पैटी के पिता ने इस शर्त को मानने से मना तो नहीं किया लेकिन 2 मिलियन डॉलर के खाने को बांटने की बात कही.


जब पिता को मिला पैटी का ऑडियो संदेश


एक पिता अपनी बेटी को बचाना तो चाहता था, लेकिन जो शर्त सामने थी वो बहुत बड़ी थी. एक पिता मजबूर भी था और डरा हुआ भी. एक तरफ पैटी का ऑडियो संदेश मिलता था. दूसरी ओर उसकी वापसी को लेकर उसके घरवालों की उम्मीद कम होती जा रही थी. फूड प्रोग्राम की डिमांड कर एसएलए अपनी छवि रॉबिनहुड की बनाने में लगा था.



बाहर की दुनिया में क्या हो रहा था पैटी को इसकी जानकारी भी दी जा रही थी. एसएलए पैटी को अपनी रॉबिनहुड इमेज से जोड़ रहा था और 2 मिलियन डॉलर खर्च करने के बाद फिर से एसएलए ने 4 मिलियन डॉलर का फूड बांटने को कहा. यानी एक पिता को दबाव देकर मजबूर किया जा रहा था और एक बेटी को पिता के खिलाफ कर एसएलए अपने उद्देश्य को सही साबित करने में लगा था और पिता ने अब अपने हाथ मजबूरी में खड़े कर लिए.


जब पैटी ने कहा- अब वो SLA के साथ है


पैटी की वापसी की उम्मीद अब कम हो चुकी थी और पैटी अपने पिता के पीछे हट जाने से नाराज थी. और 3 अप्रैल 1974 को यानी अपहरण के लगभग दो महीने बाद पैटी ने एक ऑडियो टेप जारी किया जिसमें उसने एसएलए को ज्वाइन करने की बात कही और कहा कि अब उसका नाम है तानिया यानि एसएलए के साथ थी अब वो हसीना.


उस हसीना के पिता ने उसे एसएलए के चंगुल से छुड़ाने के लिए तमाम कोशिशें की, लेकिन उस हसीना के दिमाग पर अब एसएलए का कब्ज़ा था और उसने ही पैटी को अपने पिता से दूर कर दिया और बना दिया साइको प्रिंसेज.


हाथों में बंदूक लिए द साइको प्रिंसेज ने दिया डकैती को अंजाम


अब उसने अपने हाथों में बंदूक थाम लिया था. जिसको बचाने में पुलिस और उसका परिवार लगा था, वो 15 अप्रैल 1974 को अचानक दुनिया के सामने आती है. काले लिबास में हाथों में बंदूक लिए वो हसीना यानी साइको प्रिंसेज पैटी हर्स्ट बैंक डकैती को अंजाम देते एसएलए के अपने साथी सदस्यों के साथ दिखती है.



शोहरत औऱ रुतबे की जिंदगी से अलग पैटी दूसरे सफर पर निकल चुकी थी. उसका प्यार स्टीवन भी कहीं पीछे छूट चुका था और उसका नया हमसफर बन गया था, बिली, जो एसएलए में उस वक्त एक खास भूमिका में था. गुनाह की दुनिया में कदम रखने की तस्वीर ने पूरे अमेरिका को चौंका दिया था और वो हसीना धीरे धीरे एसएलए के गुनाहों की राज़दार बनने लगी.


1975 में मौत के घाट उतारे गए कई पुलिस ऑफिसर्स


हर्स्ट अपने रेडिकल ग्रुप के लिए आइईडी बनाने में मदद करने लगी जिसका इस्तेमाल 1975 में पुलिस ऑफिसर्स को मौत के घाट उतारने के लिए किया गया.


हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली. हर्स्ट के ऊपर एक दूसरे बैंक रॉबरी के दौरान अपने साथियों की मदद और इस दौरान गन शॉट से हुए एक कत्ल का भी आरोप लगा. वो धीरे धीरे गुनाह के दलदल में धंसती ही जा रही थी. तभी उसे अपनी किडनैपिंग के 19 महीने बाद 18 सितंबर 1975 को सेनफ्रेंसिस्को से एक एसएलए साथी के साथ गिरफ्तार किया गया.


जब अदालत में हुआ गुनाहों का हिसाब


उसके गुनाहों का हिसाब अदालत में हो रहा था. जहां वो हसीना गुनाहों को तो कबूल कर रही थी लेकिन ये भी कह रही थी कि इन अपराधों में उस प्रताड़ना की वजह से उसे शामिल होना पड़ा. जो एसएलए की तरफ से उसे मिली. 


उसने खुद के साथ मारपीट और रेप किए जाने का भी आरोप एसएलए पर लगाया लेकिन अदालत ने उसे दोषी पाया और उसे 35 साल क़ैद की सज़ा सुनाई, जिसे दूसरे जज ने कम कर के 7 साल कर दी और बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर ने कम कर 22 महीने कर दिया.


जब अमरीकी राष्ट्रपति ने हसीना को माफ कर दिए सिविल राइट्स


1979 में वो जेल से बाहर आ गई, 20 जनवरी 2001 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन उस हसीना को माफी देते हुए उसे उसके सभी सिविल राइट्स दे दिए, लेकिन कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती है. अदालत में पैटी हर्स्ट ने जो कहानी सुनाई थी, उस पर किसी को भरोसा नहीं था. 


कैसे बन गई SLA की लड़ाकू हसीना



हर कोई इस रहस्यमयी राजकुमारी के बारे में जानना चाहता था कि कैसे ये SLA की एक लड़ाकू हसीना बन गई. जेल से निकलने के बाद पैटी ने कई इंटरव्यूज़ दिए और उसमें वही बात दोहराई कि उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया था, सिर्फ एक टॉर्च दी गई थी जिससे वो SLA का लिटरेचर पढ़ सके, ब्रेनवॉश की ये थियरी आज भी किसी के गले नहीं उतरती.


हसीना ने कई फिल्मों में किया काम


इस हसीना ने बाद में कुछ फीचर फिल्मों में भी काम किया. जैसे क्राई बेबी, बायो डोम और पेकर. पैटी हर्स्ट के ऊपर भी फ़िल्में और डॉक्यूमेंट्रीज़ बनीं. आज पैटी हर्स्ट अमेरिका की सबसे उलझी हुई साइकॉलजी का सब्जेक्ट भी है. 


FBI ने भी इस हसीना से जुड़े सभी दस्तावेज़ सार्वजनिक कर दिए, कई एक्सपर्ट्स ने पैटी के ज़हन को पढ़ना चाहा लेकिन आज भी पैटी के SLA में बिताये दिनों की सच्चाई राज़ है.


अब भी अनसुलझे हैं कई राज
उसे आज़ादी तो मिल गई लेकिन उस हसीना के कई राज़ अब भी अनसुलझे हैं. दावा तो ये भी हुआ कि पिता के रसूख और अपनी शातिर दिमागी चाल से उसने सबको बरगलाया और फिर थोड़ा वक्त सलाखों के पीछे गुज़ार कर ता उम्र के लिए हो गई वो आज़ाद.