नई दिल्ली.  अब वो सियासत ही क्या. जिसमें हंगामा ना हो. वो राजनीति (Politics) ही क्या. जिसमें दिखावा ना हो. वो पालिटिक्स ही क्या.. जिसमें पंगेबाजी ना हो. इतना सबकुछ हो जाए. देशभर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार (Atrocity against women) पर कांग्रेस बेशक खामोश हो.. लेकिन उसके लिए फिलहाल हाथरस ही सियासी मुद्दा है. और जरा सियासत में कुछ मजा सा आए. तो फिर आगे की बात सोची जाए. आजकल यूपी (Uttar Pradesh) में कांग्रेस (Congress) इसी नीति से चल रही है.


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कांग्रेस को चाहिए अपने हिसाब से इंसाफ!


हाथरस की बेटी के साथ जो हुआ. पूरा देश शर्मिंदा है. इंसाफ की मांग हो रही है. यूपी सरकार भी एक्शन में है.. आरोपी गिरफ्तार हो चुके है. मुआवजे का एलान हो चुका है. किसी भी कीमत पर दरिंदों को बख्शा नहीं जाएगा. इसका एलान यूपी सीएम योगी कर चुके हैं. लेकिन कांग्रेस को लगता है. इसमें कुछ और होना चाहिए.. इंसाफ होना चाहिए. अब इंसाफ कांग्रेस के हिसाब से कैसे होगा. ये तो राहुल गांधी ही बता सकते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगता है.. राजस्थान औऱ कांग्रेस शासित राज्यों पर खामोश रहने वाले राहुल गांधी और प्रियंका जब तक हाथरस नहीं जाएंगी.. तब तक इंसाफ नहीं मिलेगा. अब ये तो वही बात हुई.. जैसे उन्हें कानून पर भरोसा ही ना हो.. खैर इंसाफ की जंग में भाई-बहन एक योद्धा की तरह निकले. ड्राइविंग सीट पर प्रियंका थीं. और बगल वाली सीट पर राहुल गांधी.गाड़ी के अंदर से. तस्वीरें खिंचा ली गई. जिससे लगे कि भाई-बहन इंसाफ दिलाने के लिए गंभीर हैं. गाड़ी दिल्ली से निकलकर नोएडा डीएनडी जा पहुंची. वहां युवराज के आगमन की जबरदस्त तैयारी थी.. जबरदस्त भीड़.. कांग्रेस के बड़े नेता भी राहुल गांधी से पहले ही पहुंच चुके थे. इंतजाम जबरदस्त था. हाथों में झंडे. बैनर पोस्टर सब थे.. अब ये तैयारी एकदम से तो नहीं हुई होगी. खैर राहुल गांधी प्रियंका भी एक दिन पहले की थकान मिटाने के बाद दोबारा पूरी तैयारी से हाथरस के लिए निकले थे. कांग्रेस के दूसरे नेता गदगद थे.. ऐसा जोश राहुल में काफी दिन बाद देखने को मिला.


हाथरस मुद्दे पर सियासी 'हाथ' !


वहां पहुंचे अधीर रंजन चौधरी ने कहा.. इंसाफ के लिए राहुल गांधी का संघर्ष जारी रहेगा.. जबकि रणदीप सुरजेवाला बोले. योगी सरकार का पाप का घड़ा अब भर चुका है. कांग्रेस के नेता हाथरस की बेटी की बात भूलकर राहुल गांधी के जोश पर फूले नहीं समा रहे थे.. हांलाकि इस बात का जवाब किसी के पास नहीं था..उधर मीडिया के कैमरे राहुल की गाड़ी की तरफ घूम चुके थे.. सामने पुलिस का जबरदस्त इंतजाम था. धारा 144 लगा दी गई थी. इस बीच कांग्रेस को लगा. जैसे राहुल का रास्ता रोकर यूपी सरकार ने पाप कर दिया. जबकि ये इंतजाम कांग्रेस समेत दूसरी सभी पार्टियों के लिए था.



 


राजस्थान पर कब बोलेंगे राहुल-प्रियंका ?


करीब 3 घंटे तक हंगामा चला.. इस दौरान राहुल गांधी गाड़ी की छत पर भी जा चढ़े. लेकिन माइक की खराबी से कुछ बोल नहीं पाए. खैर सियासत का काम पूरा हो चुका था. जो चाहिए था. वो मिल चुका था. सिर्फ पीड़िता को इंसाफ को छोड़कर. इस दौरान राहुल-प्रियंका को तीन औऱ कांग्रेसी नेताओं को हाथरस जाने की मंजूरी मिल जाती है. राहुल-प्रियंका जो चाहते थे. वो हो गया. अब देखना है.. कैसे इंसाफ दिलाएंगे. कैसे आवाज उठाएंगे. या फिर योगी सरकार को कोसकर ही लौट आएंगे. लेकिन हम उन्हें ये बता दें. अगर हाथरस में इंसाफ की बात कर लें. तो जरा राजस्थान भी चले जाएं. वहां कांग्रेस की सरकार है. और इंसाफ दिलाने में आसानी हो सकती है. लेकिन यही सियासत है. नेता अपने गिरेबान में झांकने की बजाय. दूसरे का पाप ढूंढने में वक्त बिता देते हैं. और इंसाफ की आस में पीड़ित राजनीति के इसी तरह शिकार होते रहते हैं.


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