नई दिल्ली.  आत्मा जब शरीर छोड़ देती है तो शरीर का वजन जितना कम हो जाता है, वही होता है उस आत्मा का वजन जो इस शरीर को छोड़ कर जा चुकी होती है. इस सिद्धांत को प्रयोग का रूप देकर आत्मा का वजन बाकायदा नाप लिया एक वैज्ञानिक ने और इस तरह विज्ञान को दे दिया एक ग्रैंड यूटर्न.


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पंछी के पंख जितना होता है वजन 


मिस्र में मानते हैं कि अच्छे कर्म करने वाले इंसान की आत्मा का वजन पंख के बराबर होता है और उसे ओसिरिस के स्वर्ग में हमेशा के लिए जगह हासिल हो जाती है. मिस्र की ये मान्यता एक सौ तेरह साल पहले 1907 में 'जर्नल ऑफ द अमरीकन सोसाइटी फॉर साइकिक रीसर्च' में छपे एक शोध के साथ छपी.  इस शोध का नाम था 'हाइपोथेसिस ऑन द सबस्टेन्स ऑफ द सोल अलॉन्ग विद एक्सपेरिमेन्टल एविडेन्स फॉर द एग्जिस्टेंस ऑफ सैड सब्जेक्ट' जिसमें मानव की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा से जुड़े प्रयोग पर विचार किया गया था.


आत्मा का वजन होता है 


इस शोध के माध्यम से ये बात भी सामने आई कि वास्तव में एक आत्मा नामक तत्व मानव शरीर में होता है जिसका अपना एक वजन भी होता है. इस शोध में साफ़ तौर पर बताया गया कि डॉक्टरों को लगता है कि आत्मा का एक निश्चित वजन होता है. इस बात की पुष्टि हेतु डॉक्टर डंकन मैकडॉगल नाम के एक फिजिशियन के प्रयोग की भी जानकारी इस शोध में दी गई थी.


डॉक्टर डंकन ने किया प्रयोग 


डॉक्टर डंकन चीन से सौ साल पहले बना एक तराजू खरीद लाए थे. अपने अस्पताल में वजन नापने की मशीन देखकर उन्होंने सोचा कि इंसान की आत्मा का वजन क्यों न नापा जाए. इसके बाद उन्होंने गंभीर रूप से बीमार लोगों को इस तराजू से जुड़े एक खास बिस्तर पर लिटा कर उनकी मृत्यु के समय उनका गौर से अवलोकन करना शुरू किया. उन्होंने पाया कि मरते समय जब शरीर निष्क्रिय हो जाता है, उसी क्षण मृत शरीर का वजन कुछ कम हो जाता है और लगता है कि शरीर में से कुछ बाहर निकल गया है. उन्होंने इस तत्व को आत्मा माना और बताया कि इक्कीस ग्राम कम हो जाता है शरीर का वजन अर्थात आत्मा होती है इक्कीस ग्राम की.


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