नई दिल्ली.    रंगभेद के तथाकथित आन्दोलन पर अमेरिका के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन चल रहे हैं. देश में अराजकता के हालात देखे जा रहे हैं. अमेरिका आधा दर्जन राज्यों में तथा एक दर्जन से अधिक महानगरों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है. सबसे बड़ी बात ये है कि जैसा डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था, उन्होंने कर भी दिखाया और हालात पर काबू पाने के लिये अमरीकी सैनिक सड़कों पर उतर आये हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


67 हजार सैनिक किये गये तैनात


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को यह बड़ा कदम उठाना पड़ा ताकि स्थिति बद से बदतर होने से बचाई जा सके.  देश की सड़कों पर सड़सठ हजार नेशनल गार्ड के सैनिक तैनात किये गये हैं जो उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटेंगे. माना जा रहा है कि अमरीका की स्वतंत्रता के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए गए हैं. 


पांच से अधिक लोगों की हुई


फ्लॉयड की हत्या को लेकर हो रहे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों में कई लोगों की जाने चली गई हैं और देश भर में दस हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अमेरिका के 40 शहर कर्फ्यू से घिरे हैं. प्रदर्शन के बहाने आगजनी और लूटपाट करते लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और कई शहरों में पुलिस की मौजूदगी बढ़ानी पड़ी है. 



 


ट्रम्प ने कहा था कि सैनिक उतारेंगे


रंगभेद के नाम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को घेर रहे देश के तथाकथित आन्दोलनकर्मी लगातार हिन्सक प्रदर्शनों को अन्जाम दे रहे हैं. अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के कारण शुरू हुए इन हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए जब राज्यों और शहरों के प्रशासन संतुष्टिजनक परिणाम नहीं दे सके तो व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा था कि दंगे, लूट, तोड़-फोड़, हमलों और संपत्ति की अकारण बर्बादी रोकने के लिए सेना को उतारा जायेगा. अब ट्रम्प ने अपनी इस घोषणा का क्रियान्वयन भी कर दिया है.


ये भी पढ़ें. मोदी सरकार की सफल सामरिक कूटनीति