नई दिल्ली:  तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने सीज़फायर के लिए मध्यस्थता करने वाले देशों को घेरा है. वहीं दूसरी ओर अजरबैजान के राष्ट्रपति ने अपनी तेल पाइपलाइन पर हमले की आशंका के मद्देनजर आर्मेनिया को धमकी दी है. जिससे इस इलाके में जंग की आग और तेज होने की आशंका जताई जा रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


जंग भड़काने में तुर्की का बड़ा हाथ 
अर्मेनिया और अजरबैजान की सेनाएं एक दूसरे को रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन हमलों से तबाह करने में जुटी है. ऐसे में जंग और भयानक होने की आशंका है. अजरबैजान ने बुधवार को अर्मेनिया पर अपनी गैस और तेल पाइपलाइनों पर हमला करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और आर्मेनिया को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी. साथ ही एक बार फिर दोहराया कि शांति प्रक्रिया में तुर्की को बिना शामिल किए बातचीत अंजाम तक नहीं पहुंच सकती.


अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा ''अगर अर्मेनिया हमारी गैस पाइपलाइनों पर हमले की किसी तरह की अपनी गंदी योजना को अंजाम देने की कोशिश करता है तो जबाव में उसे बेहद गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. साथ ही जब तक हमारे करीबी तुर्की को बातचीत की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है.''



अजरबैजान के इस बयान से साफ जाहिर है कि वह इस जंग के बीच समझौते के लिए तुर्की को शामिल कराए बिना अपने हमले रोकेगा नहीं. 


हमलावर है अजरबैजान
अजरबैजान ने काराबाख इलाक़े में आर्मेनियाई सेना के ठिकानों पर जबर्दस्त बमबारी की है और ताल ठोंक कर कहा कि उसने अर्मेनिया के दो मिसाइल लॉन्च ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है. अज़रबैजान के रक्षा मंत्री के मुताबिक अर्मेनिया इस लॉन्च साइट का इस्तेमाल अज़रबैजान के रिहाइशी इलाक़ों को टारगेट करने के लिए कर रहा था. दूसरी तरफ़ अर्मेनिया ने अजरबैजान के इस आरोप को खारिज किया है लेकिन साथ ही इंतकाम की आग में जलते अर्मेनिया ने कहा है कि अब वो जवाबी कार्रवाई के तहत अज़रबैजान के किसी भी इलाक़े को टारगेट कर सकता है. इससे जंग के और भयानक होने की आशंका है.


तुर्की को नहीं शांति की कद्र
संघर्ष विराम के बाद भी ऐसे उकसावों के पीछे तुर्की है, जो लगातार जंग की आग में घी डालने का काम कर रहा है. उसने एक बार फिर मध्यस्थता कर रहे देशों पर अर्मेनिया का साथ देने का आरोप लगाया है.


तुर्की के राष्ट्रपति, तैयप एर्दोगान ने कहा है कि ''आप मिन्स्क देशों की तरफ़ से अर्मेनिया को दिए गए समर्थन की बात क्यों नहीं करते? आप रूस और फ्रांस द्वारा भेजे गए हथियारों के बारे में बात क्यों नहीं करते हैं? आप सभी तरह के समर्थन के सामने चुप रहते हैं, लेकिन आप अज़रबैजान से कहते हैं कि आपने सीरिया के लड़ाकों को वहां भेजा है.उनके पास अपने देश में काम है, वे वहां नहीं गए.''


बेमौत मर रहे हैं लोग
 आग लगाने वाले बयानों के बीच नागोर्नो काराबाख में चल रही इस भीषण लड़ाई में अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें सेना के जवान और आम नागरिक शामिल हैं.



हर जंग की तरह इस युद्ध में भी इंसानियत तार-तार हो रही है. अगर जंग जारी रहती है तो इसमें महाशक्तियों के शामिल होने की आशंका बढ़ती जा रही है.


ये भी पढ़ें- भारत के खिलाफ साजिश रचने में जुटा पाकिस्तान 


देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप. जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा. नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-


Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN


iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234