नई दिल्लीः आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच आग लगाने वाले तुर्की का मन अभी भरा रहा नहीं है. तुर्की राष्ट्रपति  रेचप तैयप एर्दोगन का पाकिस्तान के प्रति एक बार फिर से प्रेम जागा है. दावा है कि तुर्की के राष्ट्रपति भारत में कश्मीर के खिलाफ आतंकी सहायता लेने की योजना बना रहे हैं. यह खुलासा एक पत्रकार ने अपनी रिपोर्ट में किया है. पत्रकार के मुताबिक सीरिया के विद्रोही आतंकियों को कश्मीर भेजने की योजना बन रही है. 


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आतंकी गुटों से बात की
जानकारी के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन कई बार संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन कर चुके हैं. ग्रीस के एक प्रसिद्ध पत्रकार ने अपनी रिपोर्ट में तुर्की के राष्ट्रपति के नापाक इरादों को सामने रखा है.



ग्रीस के पत्रकार एंड्रियास माउंटजौरौली ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि एर्दोगन पाकिस्तान की सहायता के लिए कश्मीर में सीरिया के विद्रोही आतंकियों को भेजने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए तुर्की के अधिकारियों ने कई आतंकी गुटों से बात भी की है.


उत्तरी सीरिया के अफरीन जिले पर पूरा नियंत्रण
ग्रीस की न्यूज वेबसाइट Pentapostagma पर प्रकाशित अपने लेख में एंड्रियास माउंटजौरौली ने लिखा है कि सीरियन नेशनल आर्मी मिलिशिया के सुलेमान शाह ब्रिगेड्स के कमांडर मुहम्मद अबू इम्सा ने कुछ दिन पहले ही अपने साथी मिलिशिया सदस्यों से कहा है कि तुर्की यहां से कश्मीर में अपने कुछ यूनिट्स को तैनात करना चाहता है. सुलेमान शाह ब्रिगेड्स को तुर्की का खुला समर्थन हासिल है, जिसका उत्तरी सीरिया के अफरीन जिले पर पूरा नियंत्रण है.


कश्मीर की तुलना नार्गोनो काराबाख से 
सुलेमान शाह ब्रिगेड के कमांडर अबू इम्सा ने यह भी कहा कि तुर्की के अधिकारी सीरिया के अन्य हथियारबंद गिरोहों से इस बारे में बात कर रहे हैं. वे गिरोह के कमांडरों से उन लोगों के नाम बताने को कह रहे हैं जो कश्मीर जाना चाहते हैं. अबू इम्सा ने कहा कि कश्मीर जाने वाले आतंकियों को तुर्की की तरफ से 2000 डॉलर की राशि भी दी जाएगी. कमांडर ने अपने गिरोह से कहा कि कश्मीर भी उतना ही पहाड़ी है जितना आर्मीनिया का नार्गोनो काराबाख है. 


आर्मीनिया के खिलाफ भी तुर्की ने भेजे थे आतंकी
तुर्की ने आर्मीनिया के साथ लड़ाई में खुलकर अजरबैजान का साथ दिया था. तुर्की ने सीरिया में अपने सहयोगी आतंकी संगठन के लड़ाकों को काराबाख में लड़ाई के लिए तैनात भी किया था.


 



खुद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने इसकी पुष्टि की थी. 'किलिंग मशीन' कहे जाने वाले इन आतंकवादियों को मुस्लिम देश अजरबैजान के पक्ष में ईसाई देश आर्मीनिया से युद्ध के लिए काफी पैसा भी दिया गया था. 


पत्रकार ने यह भी किया दावा
ग्रीस के पत्रकार ने दावा किया है कि तुर्की और पाकिस्तान आपस में रक्षा सहयोग को बढ़ाकर दूसरे देशों की जमीन लूटना चाहते हैं। हाल में ही शील्ड ऑफ मेडेटेरियन युद्धाभ्यास के दौरान पाकिस्तानी लड़ाकू विमान तुर्की पहुंचे थे। राष्ट्रपति एर्दोगन पाकिस्तान की सहायता से ग्रीस की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करना चाहते हैं। इसलिए ही वह कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की सहायता के लिए आतंकी गुटों को भेजने की योजना बना रहे हैं. 


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