नई दिल्ली: पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर्स और आतंकवादियों ने अब घाटी में खूनखराबे का प्लान बनाने के लिए नया पैंतरा अपनाया है. कश्मीर घाटी में स्लो नेटवर्क की वजह से व्हाट्सऐप और फेसबुक नहीं चलते, लेकिन तुर्की में बना ऐप धड़ल्ले से चलता है.


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सेना को इसकी जानकारी एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों और सरेंडर करने वाले आतंकियों से मिली है. इससे उन खुफिया खबरों की पुष्टि होती है जिनमें कहा गया था कि एर्दोगन और इमरान ने मिलकर घाटी में आतंकी हमले करने का प्लान बनाया है. रजब तैयब एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan) तो सीरिया के आतंकियों को भी पाकिस्तान भेजने की बातें कह चुका है. आतंकी प्रेम में पागल इमरान और एर्दोगिन ने अजरबैजान जंग में भी भाड़े के आतंकी भेजे थे जिन्होंने नागोरनो काराबाख में जमकर खून बहाया था.


आतंकियों के पास 3 नए ऐप


सेना ने खुलासा किया है कि घाटी में इन दिनों आतंकवादी 3 नए ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन सेना ने इन ऐप का डिटेल साझा नहीं किया है, लेकिन इतना जरूर पता चला है कि तुर्की (Turkey) के अलावा अमेरिका और यूरोप की कंपनी के बने दो ऐप भी स्लो इंटरनेट पर काम करते हैं और आतंकी अपने आकाओं से बात करने और नए रंगरूटों की भर्ती में इन्हीं का इस्तेमाल कर रहे हैं.


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आतंकियों के पास मिले तीनों नए ऐप्स में इन्क्रिप्सन और डिक्रिप्शन सीधे डिवाइस में होता है. स्लो इंटरनेट पर चलने वाले ऐप में इन्क्रिप्शन एल्गोरिदम RSA-2048 का इस्तेमाल करते हैं जो कि सबसे सुरक्षित प्लेटफॉर्म माना जाता है. आतंकी जिन तीनों नए ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं उनमें फोन नंबर या ईमेल की जरूरत नहीं होती. सुरक्षाबल अब ऐसे ऐप को ब्लॉक करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.


आतंकी रास्ते से खलीफा बनेगा एर्दोगन


एर्दोगन का सालों पुराना ख्वाब है कि वो मुस्लिम देश (Islamic Country) उसे खलीफा मानें, लेकिन सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) उसे घास डालने के लिए तैयार नहीं हैं. बस एक भिखारी इमरान खान (Imran Khan) ही बचा है तो खैरात पाने के लिए एर्दोगन के गुणगान गाता रहता है. अब दोनों आतंकी धुन पर नाच रहे हैं लेकिन एर्दोगन को शायद इस बात का इल्म नहीं है कि नागोरनो काराबाख में आतंकी भेजकर जंग जीतना और घाटी में आतंकी भेजकर जंग लड़ना दोनों अलग-अलग बाते हैं.



भारतीय सुरक्षाबलों (Indian Security Forces) ने बीते कई सालों में तकनीकी तौर पर LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर में आतंकी घुसपैठ को नाकाम कर दिया है. अब पाकिस्तान (Pakistan) साजिश की सुरंगों के जरिए आतंकी घुसपैठ की फिराक में रहता है, लेकिन यहां पर भी उसकी दाल नहीं गल रही. सेना का एक ही मोटो है जो घाटी में गन उठाएगा वो गोली खाएगा. तो इमरान और एर्दोगन दोनों ध्यान से सुन लोग ऐप से साजिश चाहो जितनी रच लो, लेकिन अगर साजिश को अंजाम देने की कोशिश की तो नतीजा ऐसा होगा जो सालों तक दर्द देगा. इमरान को ये बात अच्छे से पता है कि भारत कैसे बदला लेता है. तालिबान खान को अब ये बात एर्दोगन को भी बता देना चाहिए क्योंकि अगर भारत को बतानी पड़ी तो एर्दोगन को बहुत मुश्किल होगी.


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