अमेरिका के चुनाव में अबॉर्शन क्यों है बड़ा मुद्दा, क्या इसके सहारे ट्रंप को चित करेंगी हैरिस?
Abortion Issue in US Election: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस के लिए गर्भपात के अधिकारों का मुद्दा गेमचेंजर साबित हो सकता है. कमला हैरिस अबॉर्शन राइट्स का मजबूती से समर्थन करती आई हैं. जबकि ट्रंप ने इसकी मुख़ालिफ़त की है.
नई दिल्ली: Abortion Issue in US Election: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला हैरिस लगातार खुद को मजबूत करने की कोशिश में जुटी हैं. उन्होंने 'हैरिस फॉर प्रेसिडेंट' नाम से अपना कैंपेन भी शुरू कर दिया. रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को कमजोर उम्मीदवार करार देते हुए कहा था कि अब चुनाव में जीत की राह आसान हो गई है. लेकिन सर्वे हैरिस और ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर बता रहे हैं. कुछ सर्वे में ट्रंप को मामूली बढ़त दिखाई गई है. लेकिन कमला हैरिस के लिए अबॉर्शन के अधिकार का मुद्दा गेमचेंजर साबित हो सकता है.
अमेरिका के चुनाव में अबॉर्शन क्यों बना मुद्दा?
अमेरिका में गर्भपात का मुद्दा लगातार गरमा रहा है. दरअसल, पहले अमेरिका के कुछ राज्यों में गर्भपात का अधिकार था और कुछ में नहीं. लेकिन 24 जून, 2022 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में गर्भपात के अधिकार को गैरसंवैधानिक बता दिया. इसके बाद से सभी राज्यों में गर्भपात के अधिकार को खत्म कर दिया. रिपब्लिकन पार्टी की कंजर्वेटिव विचारधारा है. वे कह रहे हैं गर्भपात नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही है. जबकि दूसरी ओर, डेमोक्रेटिक पार्टी लिबरल विचारधार फॉलो करती है. उनका कहना है कि ये लोगों कि चॉइस होनी चाहिए कि उन्हें गर्भ रखना है या नहीं. ऐसे में वोटर्स भी दो धड़ों में बंट गए हैं. एक वे हैं जो गर्भपात के अधिकार के खिलाफ में हैं और दूसरे पक्ष में हैं.
गर्भपात के अधिकार पर ट्रंप के क्या विचार?
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों और विचारों को बदलने के लिए चर्चा में रहते हैं. अबॉर्शन पर भी उनका पक्ष कुछ ऐसा ही है. NBC न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने अक्टूबर 1999 में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अबॉर्शन की अवधारणा से मुझे नफरत है. लेकिन मैं प्रो-चॉइस हूं. यानी पैरेंट्स चाहें तो गर्भ रखें, नहीं चाहें तो गिरा दें. इसके बाद उनसे पूछा गया कि क्या वे चुनाव जीते पर अबॉर्शन बैन कर देंगे? इस पर ट्रंप ने प्रो-चॉइस वाली बात दोहराते हुए कहा- नहीं. लेकिन 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप ने कहा था कि जो लोग गर्भपात कराते हैं उन्हें सजा होनी चाहिए. इस पर उनसे पूछा कि क्या औरतों को भी सजा होनी चाहिए? ट्रंप बोले- हां. इसके बाद ट्रंप ने कई मौकों अबॉर्शन बैन करने का समर्थन किया.
गर्भपात के अधिकार पर हैरिस के क्या विचार?
कमला हैरिस गर्भपात अधिकारों की कट्टर समर्थक मानी जाती हैं. उन्होंने बीते एक साल में मुखर रूप से इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है. जो बाइडेन के मुकाबले कमला हैरिस को गर्भपात अधिकारों का मजबूत समर्थक माना जाता है. उनके उपराष्ट्रपति रहने के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात पर बैन लगाया, हैरिस ने इस फैसले की निंदा की. एक सीनेटर के तौर पर कमला हैरिस ने उस बिल के पक्ष में वोट दिया जिसमें राज्यों को गर्भपात के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने से रोका जा सकता है. कमला ने उस विधेयक के खिलाफ वोटिंग की थी, जिसमें 20 सप्ताह के बाद गर्भपात करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. वे हमेशा से प्रो-चॉइस रही हैं.
कैसे गेमचेंजर हो सकता है अबॉर्शन का मुद्दा?
दरअसल, मिड-इलेक्शन में भी अबॉर्शन राइट्स के पक्ष में खड़े रहने से डेमोक्रेटिक पार्टी को फायदा हुआ था. महिलाओं ने उन्हें बड़ी संख्या में वोट दिए थे. हाल ही में प्यू रिसर्च के एक सर्वे हुआ. इसमें 63% लोगों ने कहा कि अमेरिका में अबॉर्शन लीगल राईट होना चाहिए. यानी गर्भपात का अधिकार होना चाहिए. जबकि 36% लोग ऐसे हैं, जिन्होंने कहा कि गर्भपात का अधिकार नहीं होना चाहिए. महिला वोटर्स इस मुद्दे को लेकर भावुक हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि स्विंग स्टेंट्स में 58% महिलाएं बाइडेन को समर्थन दे रही हैं. जबकि 36% ट्रंप के पक्ष में हैं. अब बाइडेन चुनाव से हट गए हैं, कमला हैरिस मैदान में हैं. लिहाजा, महिलाओं का ये सपोर्ट उनके पक्ष में जाएगा.
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