नई दिल्लीः धर्मनिरपेक्ष यूरोप में ईसाई धर्म के पुनर्जागरण की कोशिश करने वाले पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट 16वें का शनिवार को निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे. जर्मनी से ताल्लुक रखने वाले बेनेडिक्ट एक ऐसे धर्मगुरु के रूप में याद रखे जाएंगे, जो पोप के पद से इस्तीफा देने वाले 600 वर्षों में प्रथम कैथोलिक धर्मगुरु थे. 


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सेंट पीटर्स स्क्वायर में होगी विशेष प्रार्थना सभा
सेंट पीटर्स स्क्वायर में बृहस्पतिवार को विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा. यह एक अभूतपूर्व कार्यक्रम होगा, जिसमें मौजूदा पोप पूर्व पोप की अंत्येष्टि पर प्रार्थना सभा में हिस्सा लेंगे. बेनेडिक्ट ने 11 फरवरी 2013 को विश्व को उस वक्त स्तब्ध कर दिया, जब उन्होंने यह घोषणा की कि वह 1.2 अरब अनुयायियों वाले कैथोलिक चर्च का अब नेतृत्व करने में सक्षम नहीं है. 


वह आठ वर्षों तक इस पद रहे और विवादों के बीच उन्होंने इसका (कैथोलिक चर्च का) नेतृत्व किया.


नए पोप फ्रांसिस को चुनने का मार्ग किया प्रशस्त
अचानक उनके इस्तीफे ने इस शीर्ष पद के लिए पोप फ्रांसिस के चुने जाने का मार्ग प्रशस्त किया. दोनों पोप वेटिकन गार्डन में साथ-साथ रहें और इस अभूतपूर्व व्यवस्था ने भविष्य के पोप के लिए भी इसका अनुसरण करने की राह तैयार की. 


वेटिकन प्रवक्ता मैत्तियो ब्रुनी की ओर से शनिवार सुबह जारी एक बयान में कहा गया, ‘बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट 16वें का वेटिकन के मातर एक्कलेसिया मोनेस्ट्री में आज सुबह नौ बजकर 34 मिनट पर निधन हो गया.’ 


सोमवार को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा पार्थिव शरीर
वेटिकन ने कहा कि बेनेडिक्ट के पार्थिव शरीर को सेंट पीटर्स बेसीलिका में सोमवार से अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने पोप बेनेडिक्ट को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें कैथोलिक चर्च की एक रचनात्मक शख्सियत बताया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘पोप बेनेडिक्ट न सिर्फ इस देश में बल्कि कई के लिए चर्च के एक विशेष नेतृत्वकर्ता थे.’


अमेरिका और यूरोप हो गए थे नाराज
बेनेडिक्ट के कार्यकाल की बात की जाए तो उन्होंने साल 2009 में उस वक्त अमेरिका और यूरोपीय सरकारों को नाराज कर दिया, जब उन्होंने अफ्रीका जाते समय संवाददाताओं से कहा था कि एड्स की समस्या का हल कंडोम बांट कर नहीं किया जा सकता, इसके उलट यह इस समस्या को और बढ़ाएगा. 


हालांकि, एक साल बाद उन्होंने इसकी एक समीक्षा जारी की, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि एक पुरुष यौनकर्मी अपनी साथी को एचआईवी से ग्रसित होने से बचाने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करता है तो वह जिम्मेदाराना यौन संबंधों की दिशा में ऐसा कर पहला कदम उठाएगा.


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