तेल अवीव: गाजा में रहने वाले 25 लाख फलस्तीनियों पर इजराइल की नजर हमेशा बनी रहती है. ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जाती है. सीमा पर हमेशा कैमरे और सैनिक तैनात रहते हैं. खुफिया एजेंसियां साइबर तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए गोपनीय जानकारी हासिल करती रहती हैं. लेकिन हमास के अभूतपूर्व हमले जिसमें हजार लोगों ने जान गवां दी को देखते हुए ऐसा लगता है कि इजराइल के सुरक्षा इंतेजाम धरे के धरे रह गए. 


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इजराइल की खुफिया एजेंसियां
इजराइल की खुफिया एजेंसियों को अजेय माना जाता रहा है. इन्हीं खुफिया एजेंसियों की मदद से इजराइल ने वेस्ट बैंक में रची गई कई साजिशों को नाकाम किया. दुबई में हमास के चरमपंथियों का खात्मा किया और ईरान में घुसकर ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों पर हमला करके उन्हें मौत की नींद सुला दिया. लेकिन हमास के हमले के बाद इजराइली एजेंसियों की प्रतिष्ठा को तगड़ा झटका लगा है. साथ ही कमजोर दुश्मन के सामने देश की तैयारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं. 


इजराइल के भीतर हैं अब भी हैं चरमपंथी
24 घंटे से अधिक समय के बाद भी हमास के चरमपंथी इजराइल में अंदर इजराइली सेना से दो-दो हाथ कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर दर्जनों इजराइली गाजा में हमास की कैद में हैं. जानकार भी हैरान हैं. वे इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं कि कैसे हमास ने इतने बड़े हमले को अंजाम दे दिया और इजराइल को इसकी भनक तक नहीं लगी. 


खुफियातंत्र ने ठीक से काम नहीं किया
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार याकोव एमिडरर ने कहा, “यह बड़ी विफलता है. यह हमला साबित करता है कि गाजा में खुफियातंत्र ने ठीक से काम नहीं किया.” हालांकि उन्होंने इस नाकामी पर विस्तार से बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब सबकुछ शांत हो जाएगा, तो यह पता लगाया जाना चाहिए कि यह सब कैसे हुआ. 


लोगों को बताना होगा, ऐसा क्यों हुआ
सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियर हगारी ने स्वीकार किया कि सेना को जनता के सामने स्पष्टीकरण देना होगा. उन्होंने कहा, “पहले हम लड़ लें, उसके बाद जांच की जाएगी.” कुछ जानकारों का मानना है कि अकेले खुफिया तंत्र को दोष देना जल्दबाजी होगी. उन्होंने वेस्ट बैंक में हुई छिटपुट हिंसा के बाद वहां कुछ सैन्य संसाधनों की तैनाती की ओर ध्यान दिलाया. 


महीनों से एक आश्चर्यजनक हमले की तैयारी
दैनिक समाचार पत्र ‘हारेत्ज़’ में रक्षा टिप्पणीकार अमोस हारेल ने लिखा, "देखा जाए तो, हमास के सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों लोग महीनों से एक आश्चर्यजनक हमले की तैयारी कर रहे थे. इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने वाले मिस्र के एक ख़ुफ़िया अधिकारी ने कहा कि मिस्र ने इजराइलियों को बार-बार "कुछ बड़ा" होने के बारे में आगाह किया था. 


राजनीतिक उथल-पुथल 
वहीं न्यायपालिका में बदलाव की, बेंजामिन नेतन्याहू की कोशिशों के चलते पैदा हुई राजनीतिक उथल-पुथल पर भी गौर किया जाना चाहिए. सरकार की इस विवादास्पद योजना को लेकर सेना में मतभेद की बात किसी से छिपी नहीं है. नेतन्याहू की न्यायिक सुधार योजना से इजराइल में उथल-पुथल मची हुई थी. नेतन्याहू को उनके रक्षा प्रमुखों के साथ साथ देश की खुफिया एजेंसियों के कई पूर्व अधिकारियों ने बार बार आगाह किया था कि विभाजनकारी योजना देश की सुरक्षा सेवाओं की एकजुटता को खत्म कर रही है. 


ओबामा प्रशासन के दौरान इजराइल-फलस्तीन वार्ता के लिए विशेष दूत के रूप में काम करने वाले मार्टिन इंडिक ने कहा कि कानूनी बदलावों से इजराइलियों के बीच मतभेद पनपने लगे. एक सेवानिवृत्त इजराइली जनरल अमीर अवीवी ने कहा कि गाजा के अंदर पैर जमाए बिना इजराइल की सुरक्षा सेवाएं खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए तकनीकी साधनों पर तेजी से निर्भर हो गई हैं. गाजा में आतंकवादियों ने उन तकनीकी खुफिया संसाधनों से बचने के तरीके ढूंढ लिए हैं, जिनसे इजराइल उनपर नजर रखता है. 

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