दुनिया के सबसे खतरनाक हैकर एडवर्ड स्नोडेन को पुतिन ने क्यों दी नागरिकता?
एडवर्ड स्नोडेन को 2020 में स्थायी निवास प्रदान किया गया था और उस समय उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपनी अमेरिकी नागरिकता को त्यागे बिना रूसी नागरिकता के लिए आवेदन करने की योजना बनाई है।
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्व अमेरिकी तकनीकी ठेकेदार एडवर्ड स्नोडेन को रूसी नागरिकता दी है. राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश के अनुसार, स्नोडेन उन 75 विदेशी नागरिकों में शामिल रहे, जिन्हें रूस की नागरिकता प्रदान की गई है.
अमेरिका के 'दुश्मन' की रूस ने की मदद!
यह आदेश एक सरकारी वेबसाइट पर साझा किया गया. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक पूर्व ठेकेदार स्नोडेन अमेरिका में अभियोजन का सामना करने से बचने के लिए 2013 से रूस में रह रहे हैं. स्नोडेन पर अमेरिका के सरकारी निगरानी कार्यक्रमों के विवरण वाले दस्तावेजों को लीक करने का आरोप है.
स्नोडेन को 2020 में स्थायी निवास प्रदान किया गया था. उस समय स्नोडेन ने कहा था कि उन्होंने अपनी अमेरिकी नागरिकता को छोड़े बिना रूसी नागरिकता के लिए आवेदन करने की योजना बनाई है.
जब एडवर्ड ने अमेरिका को किया परेशान
कहा जाता है कि अमेरिका विश्व में सबसे शक्तिशाली और एडवांस देश है. इस देश को तकनीकी के क्षेत्र में इतना विकसित बताया जाता है कि उससे टक्कर लेने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. मगर एक हैकर ने अमेरिका हिला कर रख दिया. अपने काम से अमेरिका की 'ऐसी की तैसी' कर दी.
हर कोई ये सोचने पर मजबूर हो गया था कि आखिरकार एडवर्ड स्नोडेन कौन है, जिसने सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका की नींद उड़ा दी.
कौन है एडवर्ड स्नोडेन?
एडवर्ड स्नोडेन की पैदाइश 21 जून 1983 को अमेरिका के एलिजाबेथ सिटी, उत्तरी केरोलिना में हुई. उसका पूरा नाम एडवर्ड जौसेफ स्नोडेन है. जिसका ताल्लुक एक पढ़े-लिखे परिवार से है. एडवर्ड के परिवार के सभी सदस्य अमेरिकी सरकार के कई अहम पदों पर तैनात रहे हैं.
उनके नाना एड्वर्ड जे बैरेट अमेरिकी तटरक्षक बल में एडमिरल ऑफिसर के पद पर तैनात थे. इसके बाद वो एफबीआई में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर भी तैनात रहे. इसके अलावा एडवर्ड के पिता लोनी कोस्ट गार्ड में अधिकारी थे, जबकि मां एलिजाबेथ मैरीलैंड जिला न्यायालय में एक क्लर्क रहीं.
दुनिया के सबसे सफल हैकर्स की लिस्ट में शामिल स्नोडेन ने कभी भी स्कूल नहीं पूरा किया. इसके बावजूद एडवर्ड की हैकिंग का लोहा पूरी दुनिया मानती है. दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी से निकले आईटी ग्रेजुएट भी एडवर्ड की हैकिंग से काफी प्रभावित है.
एडवर्ड ने सीआईए में नौकरी की तो उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन के कई खुफिया राज एक्सेस कर लिए. कहा जाता है कि एडवर्ड ने उस दौरान ये जानकारी हासिल कर ली कि ये दोनों देश लोगों के फोन और सोशल मीडिया पर नजर रख रहे हैं. एडवर्ड ने इसकी सारी जानकारियां इकट्ठा की और उसे लीक कर लिया. फिर क्या था रातों रात पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया. जानकारी लीक करने वाले की तलाश की जावे लगी.
जब अमेरिका की खुफिया एजेंसियों को एडवर्ड के बारे में पता चला तो इनपर जासूसी और चोरी करने जैसे संगीन अपराध के केस दर्ज हो गए. अमेरिका ने एडवर्ड के खिलाफ कड़े एक्शन लेने शुरू कर दिए और अन्य देशों में भी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया.
जब अमेरिका से हॉन्ग कॉन्ग भाग गया एडवर्ड
एडवर्ड इसके बाद हॉन्ग कॉन्ग भाग गया. हॉन्ग कॉन्ग में रहकर एडवर्ड स्नोडेन को ये समझ आ चुका था कि अमेरिका वापस जाना अब उसके लिए आसान नहीं है, वहां उनको जान का भी खतरा है. वो हॉन्ग कॉन्ग के बाद रूस जाने का विकल्प तलाशने लगे और रूसी सरकार ने पनाह देने की मांग की. हालांकि सुरक्षा कारणों को देखते हुए, उन्हें वीजा इतनी आसानी से नहीं मिल सकता था.
किसी तरह से एडवर्ड को रूस जाने की अनुमति मिल भी गई तो उन्हें कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एडवर्ड स्नोडेन को तकरीबन 1 महीने रूस के मॉस्को एयरपोर्ट पर ही गुजारने पड़े. उन्होंने किताब पढ़े, इंटरनेट चलाए और अपना वक्त बिताया.
आखिरकार उन्हें रूस में रहने की इजाजत मिल गई. रूसी सरकार ने एडवर्ड को 1 साल देश में रहने की इजाजत दी, इसके बाद 3 साल के लिए उन्हें और देश में रहने की अनुमति मिल गई. अब जाकर एडवर्ड स्नोडेन को राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी नागरिकता दे दी है.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.