Tahawwur Hussain Rana: 26/11 का गुनहगार तहव्वुर राणा कौन, हेडली का दोस्त कैसे बना भारत का डेडली दुश्मन?
Who is Tahawwur Hussain Rana: 26/11 मुंबई हमले का गुनहगार तहव्वुर हुसैन राणा जल्द ही भारत लाया जा सकता है. राणा डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है. आरोप है कि उसने मुंबई हमले से पहले ठिकानों का ब्लूप्रिंट बनाने में हेडली की मदद की थी.
नई दिल्ली: Who is Tahawwur Hussain Rana: 26/11 मुंबई हमले ने पूरे देश को दहला दिया था. हर ओर डर का माहौल था. हमले के पीड़ित परिवार आज भी वह खौफनाक मंज नहीं भूल पाए हैं, जब 166 लोगों को मार दिया गया था. अब खबर आई है कि 26/11 मुंबई हमले से जुड़े तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत लाया जा सकता है. भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजने की मंजूरी अगस्त 2024 में ही मिल गई थी. राणा फिलहाल लॉस एंजेलिस जेल में बंद है.
ISI और लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर
जानकारी के मुताबिक, तहव्वुर राणा को राजनयिक प्रक्रियाओं से भारत को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है. कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें राणा को भारत नहीं भेजने की अपील की गई थी. कोर्ट ने माना था कि भारत ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए पर्याप्त सबूत दिए है. राणा पर पाकिस्तानी एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक्टिव मेंबर होने का आरोप भी है.
हेडली का बचपन का दोस्त
तहव्वुर राणा डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है. हेडली वही शख्स है, जिसने मुंबई हमले के लिए ठिकानों पता लगाया और पाकिस्तानी आतंकियों के लिए ब्लूप्रिंट बनाया था. इस काम में राणा ने भी हेडली का साथ दिया था. हेडली बार-बार मुंबई आता था, किसी को शक न ही इसलिए उसने राणा की ट्रैवल एजेंसी की एक ब्रांच मुंबई में खोल दी थी. राणा साल 2013 में अपने दोस्त हेडली के साथ मुंबई के हमले को अंजाम देने और डेनमार्क में हमले की योजना बनाने का दोषी पाया गया था.
हेडली बना सरकारी गवाह
ऐसा आरोप है कि शिकागो में मिलने के बाद राणा ने अमेरिका में भी डेविड हेडली की सहायता की थी. जब भारतीय एजेंसियों ने पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली के खिलाफ जांच की तो एक नाम बार-बार आया जो तहव्वुर हुसैन राणा का था. बाद में हेडली अपने बचपन के दोस्त राणा के खिलाफ सरकारी गवाह बन गया.
तहव्वुर हुसैन राणा कौन?
तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तान में पैदा हुआ था. उसके पास मेडिकल डिग्री है. वह पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में शामिल था. राणा की पत्नी भी पेशे से डॉक्टर थीं. साल 1997 में पति-पत्नी कनाडा गए और 2001 में कनाडा के नागरिक बने. अपनी गिरफ्तारी के कुछ साल पहले ही साल 2009 में राणा ने अमेरिका के शिकागो में इमीग्रेशन और ट्रैवल एजेंसी खोली थी.
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