नई दिल्ली: Russia Ukraine War: यूक्रेन का दावा है कि उसके एक ड्रोन ने 31 दिसंबर 2024 को ब्लैक सी में रूस के Mi-8 हेलीकॉप्टर को मार गिराया है. यूक्रेन के मुताबिक यह पहली बार है जब उसकी सेना ने किसी ड्रोन बोट के जरिए हमला करते हुए रूस के विमान को गिराया है. इस हमले में R-73 (AA-11 आर्चर) मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था, जिसका नाम ड्रैगन रखा गया है. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें ड्रोन बोट से दागे गए मिसाइल और चॉपर को गिरते हुए देखा जा सकता है.
मिसाइल ने हेलीकॉप्टर मार गिराया
यूक्रेन की ओर से जारी किए गए वीडियो में एक ड्रोन बोट पर मशीन गन से फायरिंग होते हुए देखा जा सकता है. वहीं रूस का Mi-8 हेलीकॉप्टर इससे बचने के लिए इन्फ्रारेड फ्लेयर्स छोड़ रहा है.
“БЫЛ ПУСК С ВОДЫ ― ПО МНЕ ПОПАЛИ!”
У здобутому розвідниками радіоперехопленні пілот підбитого ракетою з морського дрона Magura V5 російського гелікоптера Мі-8 панічно пояснює характер та наслідки вогневого ураження борту.
https://t.co/H2GwvgVuWV pic.twitter.com/VqcH0tXhi2
— Defence intelligence of Ukraine (@DI_Ukraine) December 31, 2024
इसमें एक रूसी चॉपर के क्षतिग्रस्त होने की बात भी कही गई है. बता दें कि हवा से हवा में मारने वाले मिसाइलों से लैस ये यूक्रेनी ड्रोन रूसी हेलीकॉप्टरों के लिए बेहद बड़ा खतरा बन गए हैं.
समुद्री ड्रैगन है यह ड्रोन
बता दें कि यूक्रेन ने ड्रोन बोट से हवा में अटैक करने वाली इन मिसाइलों का उपयोग बीते साल मई 2024 में शुरू किया था. इसका मकसद रूसी विमानों और हेलीकॉप्टरों से ड्रोन बोट की रक्षा करना था. यूक्रेन के दावों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ड्रोन युद्ध में काफी प्रभावी साबित हुआ है. बता दें कि R-73 एक शॉर्ट रेंज एयर टूएयर मिसाइल है, जो सतह से हवा में अटैक करने वाले हथियार के तौर पर काम कर सकती है. ये हथियार ब्लैक सी में रूस को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. इस ड्रोन को अब समुद्री ड्रैगन कहा जा रहा है.
बीते साल से हो रहा है मिसाइल का इस्तेमाल
R-73 में हाई ऑफ बोरसाइट (HOBS) सीकर है. यह किसी भी दिशा में काफी दूरी तक आसानी से घूम सकता है. यूक्रेन के पास इस मिसाइल का काफी बड़ा भंडार है. इसे पहले भी सतह से लॉन्च करने के लिए ट्रांसफॉर्म किया जा चुका है. बता दें कि R-73 का इस्तेमाल यूक्रेन की वायु सेना के MiG-29 और Su-27 लड़ाकू विमानों में किया जाता है.
यह भी पढ़िएः चीन ने बना डाला J-36 फाइटर जेट, इसे क्यों कहा जा रहा 'आकाश का सुपर वेपन'
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.