नई दिल्लीः आज से 27 साल पहले, 1 जनवरी, 1995 को विश्व व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ की स्थापना की गई थी. द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद से सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय व्यापार सुधार कार्यान्वयन का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित है. डब्ल्यूटीओ की वर्तमान महानिदेशक न्गोजी ओकोन्जो-इवेला हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डब्ल्यूटीओ की क्या भूमिकाएं हैं?
वह खुले व्यापार को बढ़ावा देता है, सरकारों के बीच व्यापार समझौतों पर वार्ता करने, व्यापार विवादों को हल करने के लिए एक मंच है, और साथ ही व्यापार नियमों के कार्यान्वयन के लिए भी जिम्मेदार है. इसके अलावा डब्ल्यूटीओ का सबसे बुनियादी कर्तव्य विभिन्न देशों की सरकारों को उनके सामने मौजूद व्यापार विवादों को सुलझाने में मदद करना है.


डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश कितने हैं?
यह संगठन सबसे महत्वपूर्ण समकालीन अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संगठनों में से एक है. मई 2020 तक डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य और 24 पर्यवेक्षक हैं. इसके सदस्यों के बीच व्यापार की मात्रा दुनिया का अधिकतर हिस्सा है, इसलिए इसे 'आर्थिक संयुक्त राष्ट्र' कहा जाता है.


डब्ल्यूटीओ का संस्थापक सदस्य है भारत
भारत 1 जनवरी 1995 से विश्व व्यापार संगठन का संस्थापक सदस्य है और 8 जुलाई 1948 से शुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता (जीएटीटी) का सदस्य है. भारत एक पारदर्शी और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में विश्वास करता है.


साल 2001 में चीन हुआ था शामिल
10 नवंबर, 2001 एक याद किया जाने वाला दिन है. 15 साल की मैराथन वार्ता के बाद उसी दिन कतर की राजधानी दोहा में डब्ल्यूटीओ के चौथे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन ने सर्वसम्मति से चीन को डब्ल्यूटीओ में शामिल करने के फैसले को पारित किया. 


11 दिसंबर, 2001 को 'विश्व व्यापार संगठन में चीन के प्रवेश पर प्रोटोकॉल' औपचारिक रूप से प्रभावित हुआ और चीन विश्व व्यापार संगठन का 143वां सदस्य बना.


यह भी पढ़िएः जयशंकर बोले- चीन के साथ 'सामान्य नहीं' हैं संबंध, पाक पर भी परोक्ष रूप से हमला बोला


 



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.