नई दिल्ली: चीन भारत का दोस्त कभी नहीं था इसलिए भारत को ठगा तो उतनी बड़ी बात नहीं थी जितनी बड़ी बात अपने 'दोस्‍त' कनाडा को ठगने के बाद चीन ने कर दिखाई है. चीन ने कनाडा को 10 लाख N95 मास्‍क नकली भेजे. लेकिन जैसे हर देश में उसकी निकम्मी चालाकी पकड़ में आ गई है, वैसी ही कनाडा में भी पकड़ा गई.


दुनिया के देशों को ठगने का सिलसिला जारी है


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चीन का दुनिया में ठगी का धंधा ज़ोरों से चालू है. चीन की बेशर्मी का इससे बड़ा मुजाहिरा दुनिया के सामने नहीं आया कि जहां एक तरफ दुनिया चीनी वायरस से पीड़ित है वहीं चीन उनको घटिया सामान भेज कर उनकी पीड़ा और बढ़ा रहा है. भारत में ठगी पकड़ाई तो उसके ठीक बाद कनाडा में भी चीन की ठगी पकड़ में आ गई है. चीन के दस लाख मास्क नकली निकल जाने के बाद अब कनाडा का कोरोना के विरुद्ध युद्ध कमज़ोर पड़ गया है.


'कनाडा के प्रधानमंत्री को लगा भारी झटका


हिंदी चीनी भाई भाई का नारा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जैसा झटका चीन ने पचपन साल पहले दिया था वैसा ही झटका अब कनाडा के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को दिया है. जस्टिन ट्रूडो चीन से दोस्ती बढ़ाने की मंशा पाले हुए थे अब उनको पता चला कि वे सांप पाले हुए थे.


कनाडा की पब्लिक हेल्‍थ अथॉरिटी ने बताया कनाडा के स्वास्थ्यकर्मियों को दिए जाने वाले चीनी मास्क एन95 रेस्पिरेटर कोरोना वायरस से बचाव में बेकार पाए गए हैं. कोरोना संक्रमण के रोगियों का उपचार कर रहे इन स्वास्थ्यकर्मियों को अब सरकार कौन से मास्क उपलब्ध कराएगी, ये एक बड़ा संकट कनाडा में पैदा हो गया है.


कनाडा का प्‍लेन भी लौटा दिया था चीन ने


चीन ने हाल ही में  कनाडा के मेडिकल उपकरणों को लेने गए दो प्‍लेन को खाली हाथ लौटा दिया था. चीन से प्रभावित कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कनाडा के लिए 70 फीसदी पीपीई किट चीन से ही खरीद रहे हैं. लेकिन अब 10 लाख रेस्पिरेटर्स के खराब निकल जाने के बाद उनके सामने भारी चुनौती पेश आई है कि अपने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क कहाँ से खरीदें?


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