तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने जा रहे शी जिनपिंग को यूरोपीय नेताओं ने नहीं दिया भाव, जानिए वजह
चीन को दुनिया में अलग-थलग करने में जुटे पश्चिमी देशों से ड्रैगन को एक और झटका लगा है. इस बार यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भाव तक नहीं दिया. इस बारे में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रिपोर्ट छापी है.
नई दिल्लीः चीन को दुनिया में अलग-थलग करने में जुटे पश्चिमी देशों से ड्रैगन को एक और झटका लगा है. इस बार यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भाव तक नहीं दिया. इस बारे में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रिपोर्ट छापी है.
चीनी राष्ट्रपति के न्योते का नहीं दिया जवाब
दरअसल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रमुख यूरोपीय नेताओं को इस साल नवंबर में बीजिंग आने का न्योता दिया है. इन यूरोपीय नेताओं में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रो, इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज हैं. लेकिन, किसी भी यूरोपीय नेता ने न्योता का जवाब नहीं दिया है.
नवंबर में आने का दिया है न्योता
चीन ने इन नेताओं को बीजिंग आने का न्योता कब दिया, इस बारे में जानकारी नहीं है. वहीं, न्योता पाने वाले देशों ने मीडिया के सवालों का जवाब भी नहीं दिया. अगर यूरोपीय नेता इस न्योते को स्वीकार करते तो बीजिंग में होने वाली बैठक 15 और 16 नवंबर को इंडोनेशिया में होने वाले जी-20 बाली समिट के साथ होगी.
तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने जा रहे जिनपिंग
ये बैठक शी जिनपिंग के लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद होगी. अगर शी जिनपिंग यूरोपीय नेताओं की मेजबानी करते हैं तो यह उनकी साल 2019 में कोविड महामारी आने के बाद पहली व्यक्तिगत मीटिंग होगी. इस बीच वह सिर्फ साल 2022 बीजिंग विंटर ओलंपिक के दौरान सार्वजनिक रूप से नजर आए थे.
बता दें कि कोविड 19 के दौरान जो भी विदेशी राजदूत चीन आए उनकी मेजबानी बीजिंग से बाहर तिआनजिन जैसे शहरों में की.
यूरोपीय संघ और चीन के बीच होनी है बैठक
वैसे यूरोपीय नेताओं के न्योते की ये खबर उस वक्त आई है, जब यूरोपीय संघ और चीन के बीच मंगलवार को अर्थव्यवस्था और व्यापार के बीच बैठक होनी है. वहीं, यह घटनाक्रम तब हुआ है, जब यूरोपीय संसद के वाइस प्रेजिडेंट निकोला बीयर ताइवान के ताइपे की यात्रा पर हैं. ताइवान के विदेश मंत्रालय ने बीयर के ताइवान पहुंचने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह यूरोपियन यूनियन के किसी भी उच्च स्तरीय सदस्य की पहली ताइवान यात्रा है. यह यात्रा चीन को नाराज करेगी, क्योंकि वह ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है.
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