हरियाणा: कोरोना की दूसरी लहर का असर स्वास्थ्य के साथ-साथ अर्थव्यस्था पर भी पड़ा है। हरियाणा के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र गुरुग्राम में कोरोना काल से पहले किराए का मोटा काम हुआ करता था लेकिन दूसरी लहर के बाद अब गुरुग्राम के आधे से ज्यादा PG, मकान, दुकान, गेस्ट हाउस और व्यवसायिक गतिविधियों के ऑफिस खाली पड़े हुए हैं, जिससे इमारत मालिकों को बड़ी मार झेलनी पड़ रही है.


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मॉल्स और मार्केट में दुकानें खाली पड़ी हैं. शहर में फ्लोर एसोसिएशन ने भी दावा किया है कि गुरुग्राम को करोड़ों रुपए का रेवन्यू का नुकसान हो रहा है. हरियाणा में गुरुग्राम को औद्योगिक नगरी के साथ-साथ आर्थिक नगरी के तौर पर भी देखा जाता है.


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लेकिन, कोरोना की दोनों लहरों ने गुरुग्राम के किराए के काम पर गहरा असर डाला है. हालात यह हो गए हैं कि जो मकान एडवांस किराया दिए बिना मिलते ही नहीं थे, अब बिल्डिंग मालिक उन्हें सिर्फ मेंटिनेंस पर ही अपनी जगह किराये पर देने के लिये तैयार हैं.


गुरुग्राम का सेक्टर 14, सेक्टर 18, पालम विहार, DLF, ओल्ड DLF, सेक्टर 46, सेक्टर 47, मानेसर बादशाहपुर जैसे कई बड़े इलाके हैं, जहां किराए का बड़ा काम है. इन इलाकों में PG में रहने वाले लोगों को करीब 10 से 20 हजार रूपए का भुगतान करना पड़ता था.


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1 बैडरूम सेट के लिए करीब 20 से 25 हजार रू देने पड़ते थे। लाखों की तादाद में लोग यहां बाहर से आकर किराए पर रह रहे थे लेकिन कोरोना वायरस ने ऐसी कमर तोड़ी की आधी से ज्यादा इमारतें अब सूनी नजर आ रही है।


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