Panchkula Traffic Police Corruption Case: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपर्णा भारद्वाज की अदालत ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन होमगार्ड कर्मियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आरोपियों की पहचान सचिन, मंदीप और सियाराम के रूप में हुई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह मामला पंचकूला के जलोली टोल प्लाजा पर एक यात्री, अतिरिक्त जिला अटॉर्नी (एडीए) से 1,000 रुपये की ठगी के आरोपों से संबंधित है, जिसमें क्यूआर कोड लेनदेन के माध्यम से एकत्र किए गए धन को एक मिठाई की दुकान के मालिक के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था.


एसीबी ने शिकायत और जांच के आधार पर अक्टूबर में तीन लोगों - छूट प्राप्त उपनिरीक्षक ओम प्रकाश, हरियाणा होमगार्ड सचिन और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंदर - के खिलाफ मामला दर्ज किया था. एसीबी को दी गई अपनी शिकायत में एडीए रोहित सिंगला ने कहा कि चालान जारी करने के नाम पर उनसे 1,000 रुपये की ठगी की गई. उन्होंने कहा कि वह 27 अगस्त, 2023 को अपनी कार में पंचकूला से यमुनानगर और कुरुक्षेत्र की ओर जा रहे थे, जब उन्हें पुलिस अधिकारियों ने रोका और ओवरस्पीडिंग के लिए 1,000 रुपये का चालान भरने के लिए कहा. उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर क्यूआर कोड स्कैन करके ऑनलाइन राशि का भुगतान किया, लेकिन उन्हें इसकी रसीद नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की.


एसीबी ने पाया कि उक्त राशि मोहाली के डेरा बस्सी निवासी मिठाई की दुकान के मालिक यशपाल सचदेवा के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी. एसीबी ने पाया कि उक्त तिथि को तीनों आरोपी अधिकारी ट्रैफिक वाहन इंटरसेप्टर के रूप में जलोली टोल प्लाजा पर मौजूद थे. कॉल डिटेल के अनुसार, एक आरोपी ने अपने मोबाइल से सचदेवा को कॉल भी किया था.


सरकारी वकील यवनीत ढकाला ने कहा कि सचिन का नाम प्रारंभिक एफआईआर में था, लेकिन मनदीप और सियाराम को भी इसमें शामिल किया गया और जांच के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.