Delhi Gang Rape: बीस से ज्यादा दिनों तक दिल्ली पुलिस की करीब 10 टीमों ने दिन-रात एक करके दिल्ली में एक महिला के साथ हुए गैंग रेप के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता मानसिक रूप से बीमार है, जिसके चलते वह वारदात के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रही थी. 


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आरोपियों की पहचान के लिए दिल्ली पुलिस ने रिंग रोड के करीब 15 किलोमीटर के रास्ते, जिनमें पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से लाल किला, आईटीओ से लेकर सराय काले खां तक तकरीबन 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की. इसके साथ ही वारदात में इस्तेमाल ऑटो तक पहुंचने के 150 ऑटो की पड़ताल की गई.


इसके बाद करीब 21 दिन बाद पुलिस ने आरोपियों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. तीनों आरोपियों में से एक का नाम प्रमोद, दूसरे का नाम मोहम्मद शमशुल और तीसरे का नाम प्रभु महतो है. प्रमोद कबाड़ी की दुकान चलाता है, वहीं शमशुल भीख मांगता है और तीसरा आरोपी प्रभु ऑटो चलाता है, जिसके ऑटो का इस्तेमाल वारदात में किया गया था. 


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ग्यारह अक्टूबर को सुबह करीब 3 बजकर 15 मिनट पर दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम पर नेवी के एक अफसर ने फोन कर जानकारी दी, कि सराय काले खां इलाके में एक महिला संदिग्ध हालत में रोड़ पर चलती जा रही है. उसके निजी अंगों से खून निकल रहा है. इसके तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया.


पीड़िता की मानसिक हालत ठीक नहीं थी. इतना ही नहीं उसके साथ हुए गैंगरेप के चलते शारीरिक हालत भी खराब थी. पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने सनलाइट कॉलोनी थाने में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता सिजोफ्रेनिया बीमारी से ग्रसित है, जिसके चलते पीड़िता कुछ भी ठीक से नहीं बता रही थी. पुलिस ने ओडिसा की रहने वाली एक नर्स को ड्यूटी पर लगाया, जिसे पीड़िता ने बताया कि एक लंगड़ा और उसके साथ 2 लोग थे, जिनके पास एक ऑटो भी था. 


इसके बाद पुलिस ने इलाके में रहने वाले बेघर और लंगड़ों को पकड़ना शुरू किया. 700 सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की. इसके साथ ही करीब 150 ऑटो वालों से पूछताछ भी की. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, करीब आधा दर्जन दिव्यांग (लंगड़ों) को पूछताछ के लिए उठाया गया, जिनमें से एक दिव्यांग का दोस्त भी ऑटो वाला निकला, लेकिन इस बार भी सफलता हाथ नहीं लगी. पुलिस के लिए सबसे बड़ा क्लू एक आरोपी का दोनों पैर से दिव्यांग होना था. आखिरकार कुछ सीसीटीवी में एक ऑटो नजर आया, जिसमें पीड़िता भी दिखाई दी. इसके बाद पुलिस पहले ऑटो ड्राइवर और फिर बाद में 2 अन्य आरोपियों तक पहुचीं.


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दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पीड़ित लड़की मानसिक रूप से बीमार है. वह पिछले कई महीनों से राजधानी दिल्ली में कभी रेलवे स्टेशन, कभी बस अड्डे तो कभी फुटपाथ पर रहती थी. उस आईटीओ के पास कबाड़ी की दुकान चलाने वाले प्रमोद ने लड़की को अकेला देखा तो सुनसान इलाके में ले जाकर अपने साथी मोहम्मद शमशूल लंगड़ा के साथ मिलकर गैंग रेप किया. इसके बाद वहां से गुजर रहे ऑटो वाले प्रभू ने भी बलात्कार किया. इसके बाद पीड़िता को ऑटो से सराय काले खां से करीब 1 किलोमीटर पहले ही उतार दिया. पीड़िता वहीं से ही बदहवास हालत में पैदल सड़क किनारे जा रही थी. 
 
पीड़ित लड़की उड़ीसा के पुरी की रहने वाली है. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता सामाजिक क्षेत्र में आठ वर्षों से अधिक से जुड़ी हुई है. पीड़िता शोधकर्ता है. उत्कल संस्कृति विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से सामाजिक कार्य में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद, उसने कई संगठनों में सक्रिय रूप से योगदान दिया है. पीड़िता ने एचआईवी/एड्स के साथ रहने के लिए कलिंगा नेटवर्क में रिसर्च फेलो के रूप में भी काम किया है. इसके अलावा स्वच्छता जागरूकता के लिए महिला शक्ति में सामुदायिक नेता और वन स्टॉप सेंटर, पुरी, ओडिशा में काउंसलर के रूप में भी काम कर चुकी है.


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