Kangra News: मंगलवार को टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में रैगिंग का मामला सामने आया था. जिसमें हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक सरकारी कॉलेज के कुछ एमबीबीएस छात्रों के साथ उनके वरिष्ठों ने कथित तौर पर रैगिंग, दुर्व्यवहार और पिटाई की. वहीं, बॉयज हॉस्टल में बुलाकर प्रताड़ित किया गया.


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टांडा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हॉस्टल के रूम नंबर 108 में जूनियर्स डॉक्टर्स बुलाए गए थे. वहां सीनियर ने किसी बात को लेकर पहले बहसबाजी की. इसके बाद जूनियर्स को गालियां दी.  फिर मारपीट की और कपड़े भी फाड़े गए. ऐसे में इस मामले की शिकायत नेशनल मेडिकल कमीशन में भी दी गई है. 


वहीं अब इस मामले पर टीएमसी प्रिंसिपल डॉ. मिलाप शर्मा ने कहा कि कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी द्वारा की गई जांच में 2019 और 2022 बैच के चार वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों अरुण सूद, सिद्धांत यादव, राघवेंद्र भारद्वाज और भवानी शंकर को दोषी पाया गया. 


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प्रिंसिपल ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर, कॉलेज प्रबंधन ने दो वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों को एक-एक साल के लिए निष्कासित कर दिया है और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जबकि अन्य दो को छह महीने के लिए निष्कासित कर दिया है और प्रत्येक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. बयान के मुताबिक, जुर्माना सात दिनों के भीतर चुकाना होगा.


जानकारी के अनुसार, साल 2023 में भी यहां से रैगिंग का मामला सामने आया था. इस दौरान कॉलेज प्रशासन ने एंटी रैगिंग एक्ट के तहत टांडा अस्पताल के 12 वरिष्ठ ट्रेनी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जबकि दो जूनियर ट्रेनी डॉक्टरों को चेतावनी दी थी. इसके अलावा 12 ट्रेनी डॉक्टर पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.