भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन के टनल का निर्माण कर रही कंपनी पर लगा नियमों की अवहेलना का आरोप
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन के टनल का निर्माण कर रही कंपनी पर श्रम कानूनों की अवहेलना करने का आरोप लगा है जो कि द सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स के पदाधिकारियों ने लगाया है.
विजय भारद्वाज/बिलासपुर: सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन के टनल का निर्माण डीबीएल कंपनी कर रही है, लेकिन अब द सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) के पदाधिकारियों ने इस कंपनी पर श्रम कानूनों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है. पदाधिकारियों ने नियमों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कंपनी में कार्यरत श्रमिकों के साथ मिलकर जमकर हल्ला बोला.
गौरतलब है कि चार सूत्रीय मांग को लेकर CITU के बैनर तले श्रमिकों ने बिलासपुर जिला के पट्टा से लेकर जबली स्थित कंपनी के कैंप ऑफिस तक रोष मार्च निकालकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद CITU पदाधिकारियों, श्रमिकों, ठेकेदारों व कंपनी प्रबंधन के बीच बैठक कर मांगों पर चर्चा की गई.
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इस दौरान CITU के जिला संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि कंपनी प्रबंधन व श्रमिक संगठनों के बीच चंडीगढ स्थित केंद्र सरकार के श्रम विभाग में एक समझौता हुआ था, लेकिन कंपनी प्रबंधन इस समझौते को लागू करने में आनाकानी कर रहा है. वहीं 14 सितंबर 2023 को हुई बैठक में कंपनी प्रबंधन से समझौते को लागू करने की बात मानी थी और श्रमिक संगठन से इस समझौते को लागू करने का नोटिस दिया गया था, लेकिन अभी तक समझौते को लागू नहीं किया गया है, जिसके विरोध में श्रमिकों ने रोष मार्च निकाला है.
इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की शर्तों के मुताबिक, रेलवे सहित अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स में हिमाचल के 80 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देना अनिवार्य तय हुआ था, लेकिन यहां मुख्यता रेलवे टनल का निमार्ण कार्य करने वाली कंपनी द्वारा स्थानीय बेरोजगारों की अपेक्षा जम्मू कश्मीर के लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन ने लेऑफ के नाम पर कुछ श्रमिकों को थोड़े समय के लिए यहां से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था, जिन्हें अभी तक वापस नहीं बुलाया गया है, जिन्हें वापस लाने की ट्रेड यूनियन मांग कर रहा है. इसके साथ ही टनल निर्माण में लगे श्रमिकों को श्रम कानून के तहत 20 प्रतिशत बढ़ा हुआ अलॉयन्स दिया जाना तय था जो कि श्रमिकों को नहीं मिल रहा है.
इसके अलावा रेलवे प्रोजेक्ट में ठेकेदारों के तहत काम करने वाले श्रमिकों को न्यूनतम वेतन ना दिया जाना भी श्रम कानून के खिलाफ है, जिसे लेकर कंपनी प्रबंधन व ठेकेदारों के साथ बैठक कर मांगे जल्द पूरी करने की ट्रेड यूनियन ने मांग की है. साथ ही CITU के पदाधिकारियों व श्रमिकों ने जल्द ही मांगे पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी कंपनी प्रबंधन को दी है.
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वहीं रेलवे प्रोजेक्ट के तहत टनल का निर्माण कर रही डीबीएल कंपनी के एचआर मैनेजर लीलाधर अग्रवाल ने कहा कि श्रमिकों की मांग को लेकर कंपनी प्रबंधन व ट्रेड यूनियन पदाधिकारियों व ठेकेदारों के बीच वार्ता चल रही है, जिसमें टनल में कार्यरत श्रमिकों को अलॉयन्स जारी करने व न्यूनतम वेतन जारी करने के आदेश कंपनी प्रबंधन ने दिए हैं, साथ ही अन्य मांगों को लेकर कंपनी के उच्च अधिकारियों से बातचीत कर आगामी 15 दिनों के भीतर उचित कदम उठाया जाएगा ताकि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन टनल निर्माण कार्य तय समय में पूरा हो सके और कंपनी अधिनियन व श्रम कानूनों का ध्यान रखते हुए रेलवे प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा सके.