विपन कुमार/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू धर्मशाला दौरे पर पहुंचे हैं. धर्मशाला पहुंचने पर मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम सुक्खू ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया, जबकि कुछ सवालों के जबाव देने से बचते हुए नजर आए. इस दौरान उन्होंने हाईकोर्ट की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि जब ये फैसला आया उस वक्त वो हवाई यात्रा करते हुए धर्मशाला आ रहे थे, इसलिए फैसला क्या है वो इसे स्टडी नहीं कर पाए हैं, लेकिन जो भी फैसला आया है उसे लेकर वो अपने सिपहसालारों (अधिकारियों) के साथ बैठ कर चर्चा करेंगे और आगे इस दिशा में जो भी जरूरी कदम उठाना होगा जरूर उठाएंगे.


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वहीं उन्होंने सोलन की एसपी इल्मा अफरोज को जबरन छुट्टी पर भेजने के मामले पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, वो छुट्टी पर गई हैं, लेकिन जब उनसे पूछा कि सीपीएस पर उन्हें प्रताड़ित करने के आरोप लग रहे हैं तो मुख्यमंत्री ने उल्टा पत्रकार को ही प्रूफ सौंपने की बात कह दी, वहीं मुख्यमंत्री के टूर प्रोग्राम संबंधी सवाल को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांगड़ा में वो किसी एक मुद्दे पर चर्चा करने नहीं, बल्कि कांगडा में चल रही तमाम प्रकार की विकासात्मक गतिविधियों पर चर्चा करने आए हैं.


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सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा, इसमें आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लेंगे, वहीं जब विपक्ष की ओर से इन दिनों सरकार को घेरे जाने संबंधी सवाल पूछा गया तो मुख्यमंत्री ने कहा विपक्ष का काम ही तंज कसना होता है वो किस बात को लेकर तंज कस रहे हैं ये उन्हीं से पूछा जा सकता है.
 
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से जब पूछा गया कि भाजपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सचिवालय में मुख्यमंत्री के न बैठने और देहरा में सीएम कार्यालय खोलने का सवाल पूछा तो मुख्यमंत्री इस सवाल का जवाब देने की बजाय मौके से बिना जवाब दिए ही निकल गए.


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वहीं मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल ने सीपीएस नियुक्ति को रद्द करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि सीपीएस के पास कोई बहुत अधिक सुविधा नहीं थी. एक गाड़ी थी, जिसे वापिस कर दिया गया है. किशोरी लाल ने कहा कि वह बतौर विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में काम करते रहेंगे. सीपीएस एक्ट को निरस्त करने के मामले पर किशोरी लाल ने कहा कि एक्ट तो सरकार द्वारा बनाया गया था, सीपीएस द्वारा नहीं. उन्होंने कहा न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाएगा.


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