Kangra Weather Update: हिमाचल प्रदेश में आए दिन हो रही भारी बरसात का सीधा असर कहीं न कहीं हमारे नदी-नालों और झीलों पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. बरसात चाहे कुल्लू-मनाली, मंडी में हो या किसी अन्य हिस्से में प्रदेश के हर क्षेत्र में उसका प्रभाव देखा जा रहा है. बात अगर कांगड़ा की करें तो यहां ब्यास नदी पर बनाए गए महाराणा प्रताप सागर झील में लगातार पानी का इनफ्लो बढ़ता जा रहा है. 


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आज पौंग डैम झील का जलस्तर 1 हजार 372 फीट रिकॉर्ड किया गया है. जबकि बीते ही कल इसी डैम से पानी का इनफ्लो ज्यादा होने के चलते अलग-अलग जगहों से 27 हजार क्यूसिक के करीब पानी नहरों की मार्फत बाहर छोड़ा गया था ताकि डैम में खतरे के निशान तक पानी न पहुंचे. 


दरअसल, पौंग डैम में जलभराव की कैपेस्टि 1 हजार 410 फीट की है जबकि 1 हजार 390 फीट को खतरे का निशान माना गया है. ऐसे में पौंग डैम झील में जब पानी 1 हजार 370, 75 या 80 फीट के करीब पहुंचने शुरू हो जाता है तो उससे पहले ही बीबीएमबी मैनेजमेंट पौंग डैम झील के चीफ इंजिनियर को कहकर पानी की निकासी करवाने शुरू कर देती है ताकि किसी भी सूरत में पौंग डैम झील में पानी खतरे के निशान के न तो आसपास पहुंचे और न ही उससे ऊपर जाए. 


ऐसे में इससे पहले कि पौंग डैम झील का जलभराव भारी बारिश के चलते छोड़े जा रहे पंडोह और दूसरे बांधों के पानी की बदौलत खतरे के निशान के आसपास या उससे ऊपर हो.  प्रबंधन ने अब इसे लगातार छोड़ने का फैसला ले लिया है. जिलाधीश डॉ निपुण जिंदल ने पौंग डैम झील के आसपास रहने वाले रिहायशी इलाकों के लोगों से अपील की है कि बारिश के चलते अब पौंग डैम से पानी की रिलिजिंग रेगुलर की जा रही है ऐसे में कोई भी शख्स दरिया के आसपास बिल्कुल भी न जाए और न ही अपने मवेशियों को लेकर वहां पर घूम. 


क्योंकि जलभराव का खतरा लगातार बना हुआ है और ऐसे में कभी भी किसी भी वक्त बांध के गेट खोले जा सकते हैं, जिसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ सकता है जो लापरवाही से पौंग डैम की ओर जाएंगे.