विजय भारद्वाज/बिलासपुर: जिला बिलासपुर के घुमारवीं व झंडूता उपमंडल में लगातार गिर रहे महिला लिंगानुपात व नन्हें बच्चों को उचित पोषण तत्व उपलब्ध करवाने के मकसद से उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर के बचत भवन में बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने की. वहीं बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा विभागों के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा भी की गई, जिसके बाद आबिद हुसैन सादिक ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को गंभीरता के साथ क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए ताकि पात्र लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके. 


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इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को किस प्रकार के पोषण की आवश्यकता है इस पर काम करना चाहिए और जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जानी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने जिला के घुमारवीं और झण्डुता उपमंडलों में घटते लिंगानुपात पर चिंता जाहिर करते हुए रेडजोन क्षेत्रों में लिंगानुपात में समानता लाने के लिए मिशन मोड पर काम करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास की आशा व आंगनबाडी महिला कार्यकार्ताओं द्वारा इस पर विशेष नजर रखने की बात कही है. 


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वहीं उपायुक्त बिलासपुर ने बताया कि जिला में पूरक पोषाहार कार्यक्रम में एक हजार एक सौ ग्यारह आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष तक के लिए 14,470 बच्चों, 2484 गर्भवती महिलाओं और 2,168 धात्री महिलाओं को लाभान्वित किया गया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत चालू वर्ष में 60 लाख रुपए खर्च किए जाएगें. इसके साथ ही मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत वित वर्ष 2023-24 में 247 पात्र को लाभान्वित किया गया और चालू वर्ष में 85 लाख रुपए की धनराशि व्यय की जाएगी. विधवा पुर्नविवाह योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में 14 लाख रुपए की धनराशि व्यय की जाएगी.


उन्होंने बताया कि मदर टेरेसा असहाय योजना के तहत वित वर्ष 2023-24 में जिला में लगभग 25 लाख 57 हजार रुपए व्यय करके 565 माताओं और 922 बच्चों को लाभान्वित किया गया. आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि बिलासपुर जिला में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को निशुल्क पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता मनोविज्ञानिक एवं सामाजिक परामर्श व कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है, वहीं इस तिमाही के दौरान 93 महिलाओं को अस्थाई आश्रय दिया गया और कुल 280 महिलाओं को परामर्श देकर उनकी समस्याओं का निदान किया गया है.


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