Mandi News: केंद्र सरकार की ओर से धान का निर्यात मूल्य तय करने के विरोध में धान मिल मालिकों पिछले दो दिनों से जिले की किसी भी अनाज मंडी से धान नहीं खरीद रहे हैं. 


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वहीं, अपनी फसल मंडी में लेकर किसान आ नहीं रहे हैं.  इसके कारण अनाज मंडी में दिहाड़ी पर काम करने वाला मजदूर हाथ पर हाथ धर खाली बैठने को मजबूर है. तो वहीं अपनी फसल के साथ मंडी आने वाले किसानों को गेट पास बनाने वाली सरकारी खिड़की भी सुनसान नजर आ रही है क्योंकि पिछले दो दिन से किसान मंडी में अपनी फसल लेकर नहीं पहुंच रहे हैं. 


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बात करें बल्लभगढ़ की अनाज मंडी की तो, पिछले दो दिनों से किसान मंडी में धान लेकर आ रहे हैं. फसल खरीदने वाला कोई नहीं मिल रहा. इससे किसानों को अपनी फसल वापस घर लेकर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. 


मिली जानकारी के अनुसार, इस बार सरकार ने धान को विदेश भेजने के लिए अपनी कीमत तय की है. मिल मालिकों को लगता है कि सरकार द्वारा निर्धारित की गई इसकी कीमत के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है.  इस बारे में धान मिल मालिकों की केंद्र के अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी. 


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इस बैठक में समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ. इसलिए धान मिल मालिक मंडियों से धान खरीदने के लिए नहीं आ रहे. हालांकि कई आडती धान स्वयं खरीद कर अपने पास रख रहे हैं या फिर किसानों को फोन करके मंडी आने से मना कर रहे हैं.