Shimla News: हिमाचल विधानसभा मॉनसून सत्र के छठे दिन ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सदन में नियम 61 के तहत सेब का मुद्दा उठाया और युनिवर्सल कार्टन लागू करने की सरकार से मांग की. जिसपर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष से सेब को वजन के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया. जिसका बागवानों को फायदा हुआ है. अगले सेब सीजन से सरकार टेलिस्कोपिक कार्टन को बंद कर युनिवर्सल ग्रेडिंग कार्टन लेकर आएगी. जिसमें फुल बॉक्स में 24 किलो और हॉफ बॉक्स में 12 किलो की पैकिंग ही आएगी.


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बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में कहा कि बागवानों की मांग पर वजन के हिसाब से सेब बेचने का फैसला सरकार ने लिया है. जिसे पूरी सख्ती से लागू किया गया है. सभी फलों को वजन के हिसाब से बेचा जा रहा है. आज तक सेब बागवानों को इतने अच्छे दाम नहीं मिले. नियमों की उल्लंघना पर अब तक आढ़तियों पर 22 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना किया गया है. अगले साल से यूनिवर्सल ग्रेडिंग कार्टन अनिवार्य किया जाएगा और टेलिस्कोपिक कार्टन को बंद किया जायेगा जिससे एक बॉक्स में 24 किलो की ही पैकिंग आएगी. 


इससे पहले हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त विधेयक, भारतीय स्टाम्प (हिमाचल प्रदेश संशोधन) विधेयक 2023 और हिमाचल प्रदेश भू राजस्व संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए सदन में पारित किया गया. हालांकि विपक्ष ने स्टांप ड्यूटी बढ़ने पर का विरोध किया, कहा कि स्टांप ड्यूटी बढ़ने से किसानों बागवानों पर बोझ बढ़ेगा, 


राजस्व मंत्री ने कहा कि राजस्व ने कई वर्षों बाद सरकार बड़ा संशोधन कर रही है. क्योंकि इससे लोगों के जमीन से संबधित मामलों के निपटारे में तेजी आएगी. वहीं, अभी तक के आंकड़ों की बात करें तो डीमार्केशन के लगभग 27 और पार्टिशन के 25 हजार मामले निपटारे के लिए लंबित पड़े हैं. ऐसे में भू राजस्व संशोधन एक सेब की भांति राजस्व विभाग एमआर मिल का पत्थर साबित होगा.