कोमल लता/मंडी:  मानसिक स्वास्थ्य रोग की समस्या आज दिन प्रतिदिन बढ़ रही है.  यह एक गंभीर रोग के साथ चिंताजनक विषय भू बन चुका  है. मानसिक स्वास्थ्य रोग के निवारण के लिए स्वास्थ्य विभाग कई तरह के रास्ते अपना रहा है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला चिकित्सा अधिकारी की माने तो नशे के कारण ही ज्यादातर लोग मानसिक स्वास्थ्य रोग के शिकार होते हैं. 


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उन्होनें बताया कि मानसिक स्वास्थ्य रोग के इलाज के लिए हिमाचल प्रदेश में एकमात्र नशा निवारण मुक्ति केंद्र 2021 में  मंडी जिला के सदर विधानसभा में बनाया गया है. इसके साथ ही उन्होने कहा कि लगातार मेंटल हेल्थ के केसों में बढोतरी हो रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण नेशे की लत लगना है. 


आदर्श नशा निवारण केंद्र में  इस तरह के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरुकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. उन्होनें जानकारी दी कि आदर्श नशा निवारण केंद्र में 2021 से लेकर आज तक करीब 105 लोग नशे को अलविदा कह चुके हैं और अभी केवल दो ही मरीज इस केंद्र में दाखिल है. बता दें, आदर्श नशा निवारण मुक्ति केंद्र में सभी मरीजों को दवाएं, खाना और हर तरह की सुविधा निशुल्क दी जाती है. 


इस दौरान जिला चकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार भारद्वाज ने युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील की है. वहीं दूसरी तरफ मानसिक स्वास्थ्य रोग के मामलों में  जानकारी देते हुए जोनल अस्पताल की  मनोचिकित्सक डॉ. अनिता ठाकुर ने  कहा कि महीने में सभी आयु वर्ग के करीब 500 के बीच मानसिक स्वास्थ्य रोगी अस्पताल में अपने इलाज के लिए आते हैं और इन सभी मरीजो मेंअलग-अलग मानसिक स्वास्थ्य रोग के कारण पाए गए हैं. अडल्टों में ज्यादा पागलपन, युवाओं में नशे की लत, डिपरैशन, एनजाइटी, जैसे लक्षण मिलते हैं. ऐसे में मनोचिकित्सक डॉ. अनिता ठाकुर ने लोगों से अपील की है कि मानसिक रोगियों की ज्यादा से ज्यादा मदद करे और अस्पताल जरुर लेकर आएं. 


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