Himachal News: हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र का दूसरा दिन है. दूसरे दिन बेरोजगार महासंघ ने विधानसभा का घेराव किया. बेरोजगार महासंघ युवाओं ने कहा कि सरकार से उन्हें सिर्फ अब तक आश्वासन मिला है. बेरोजगारों को हिमाचल में नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्हें सिर्फ चुनाव के समय ही सभी सरकार याद करती हैं. 


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राजनैतिक दलों के लिए बेरोजगारी सिर्फ चुनावी मुद्दा है. यह बेरोजगार पिछले कल से लेकर पूरी रात और आज वहीं पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी सुध नहीं ली गई. उन्होंने बताया  कि, हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) को भंग कर दिया गया था और सरकार ने दिसम्बर, 2022 में प्रतिबद्धता के साथ आश्वासन दिया था कि लंबित परिणामों का समाधान 30 दिनों के भीतर किया जाएगा.  हालांकि, लगभग एक साल बीतने वाला है और अभी भी सरकार परिणामों को लेकर टाल मटोल कर रही है.


युवाओं ने कहा कि सरकार विजिलेंस जांच की आड़ में परिणामों को अनिश्चित काल के लिए रोक रही है. जबकि नौ महीने की विजिलेंस जांच के बावजूद, केवल 1 या 2 अभ्यर्थियों पर पेपर लीक में शामिल होने का संदेह है. इसी के साथ कुछ पेपर ऐसे भी है, जिसमें किसी भी अभ्यर्थी की इन्वोल्वेमेंट अभी तक नहीं पायी गई है. 1 या 2 गलत लोगों को सजा निर्दोष अभ्यर्थियों को दी जा रही है जो न्यायसंगत नहीं है.
 
इसके अलावा विजिलेंस जांच में पिछले कुछ महीनों से कोई प्रगति नहीं हुई है और पेपर लीक के सिलसिले में शुरू में हिरासत में लिए गए सभी लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जिससे ऐसा लगता है असली सजा तो निर्दोष अभ्यर्थियों को दी जा रही है.  


हम अपने परीक्षा परिणाम तत्काल जारी करने की मांग करते हैं.  जो नौ महीने से रोके गए हैं. देरी के कारण हमारे जीवन में अत्यधिक संकट, वित्तीय कठिनाइयां और भविष्य के प्रति अनिश्चितता पैदा हुई है. हम इस बात पर जोर देते हैं कि हमारे परीक्षा परिणाम बिना किसी देरी के घोषित किए जाए. परीक्षा परिणाम घोषित करने अब किसी भी प्रकार की देरी अस्वीकार्य है.