Rampur News: शिमला जिला के रामपुर बुशहर में आज विभिन्न हिंदू संगठनों ने सर्व हितकारी व्यापार मंडल के आह्वान पर बाजार बंद रखा. इस दौरान उन्होंने रामपुर पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा और पूरे बाजार में रैली निकाली व नारेबाजी की.


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इस दौरान हिंदू संगठनों ने 200 साल पुराने रामपुर के हनुमान घाट मंदिर रास्ते को अहले इस्लाम के कब्जे से तुरंत छुड़वाने की मांग भी की. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सभी सरकारी दस्तावेजों में जिस जगह को हनुमान घाट जाने का रास्ता दर्शाया है, लेकिन न जाने मस्जिद से आगे की जगह को बंदोबस्त के दौरान अहले इस्लाम का कब्जा दर्शाया है. जबकि अन्य सभी दस्तावेजों एवं राजस्व रिकार्ड में हनुमान घाट मंदिर रास्ता है. 


उन्होंने चेतावनी दी कि इस कब्जे को 15 दिन के भीतर न छुड़ाया गया तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा. उन्होंने रामपुर एवं आसपास के क्षेत्र में बढ़ते विशेष समुदाय के लोगों की आबादी पर भी चिंता जताई और बताया कि इस पर पुलिस प्रशासन भी लापरवाही बरत रही है. आरोप लगाया की उनका वेरिफिकेशन सही नहीं हो पा रहा है. व्यापारियों ने बताया कि कुछ लोग फेरी एवं दूसरी व्यापारिक गतिविधियां चलाकर सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.


प्रदर्शनकारी अश्विनी चड्ढा ने बताया कि यह लोग बाहर से पहले एक आता है फिर 10 आते हैं. धीरे-धीरे इनका समुदाय बढ़ जाता है. यहां आकर वे व्यापारिक गतिविधि चलाते हैं और यह लोग महंगी दरों पर दुकानें और रिहायश भी ले लेते हैं, लेकिन हमारे हिंदू अधिक पैसे के लालच में इन्हें दुकान व रहने की जगह देते हैं. इससे जहां हिंदूओं की बेरोजगारी स्थानीय लोगों की बेरोजगारी बढ़ रही है. वहीं उनमें नकारात्मक भी उत्पन्न हो रही है. 


विश्व हिंदू परिषद पदाधिकारी विष्णु शर्मा ने बताया कि दो रोज पूर्व सर्व हितकारी व्यापार मंडल के समन्वय से आज के लिए बाजार बंद का आह्वान किया गया था. उन्होंने बताया कि उनके समर्थन में निरमंड , झाकड़ी, नोगली आदि के व्यापारी भी रहे. 


उन्होंने बताया कि कोई पार्टी विशेष से जुड़े लोग इस प्रदर्शन में शामिल नहीं थे. सभी लोग राजनीति से ऊपर उठ कर भाग ले रहे थे. उन्होंने यह भी बताया कि रामपुर के हनुमान घाट मंदिर का रास्ता अहले इस्लाम के नाम बंदोबस्त में कैसे चढ़ा चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि 15 दिन के भीतर इसको जो 200 वर्ष पुराना जो हनुमान घाट मंदिर का रास्ता है, उसे कब्जे से छुड़ाया जाए. अन्यथा उग्र आंदोलन होगा.


रिपोर्ट- बिजेश्वर नेगी, रामपुर