Himachal Pradesh Flood 2023 News in Hindi: हिमाचल प्रदेश सरकार को जानकारी मिली है कि प्रदेश के 23 बांधों में से 21 बांध प्रबंधनों द्वारा सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया गया है और इसी के कारण उनके खिलाफ अब कार्रवाई होगी. इस दौरान अधिकारियों का कहना है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा निगरानी  बरतने को भी उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. 


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बता दें कि मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा रविवार को पीटीआई एजेंसी को बताया गया कि ''कम से कम 21 बांधों ने सुरक्षा मानदंडों की उल्लंघन की है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'' उन्होंने यह भी कहा कि बांध अधिकारियों की लापरवाही से हुए नुकसान पर भी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है. 


इस दौरान यह भी बताया गया कि उल्लंघन करने वालों में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड द्वारा संचालित मंडी और सिरमौर के जटेओन में लारजी जलविद्युत परियोजना, शिमला के एचपी पावर कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित सावरा कुड्डू परियोजना व कुल्लू स्थित सैंज के नाम शामिल हैं. 


गौरतलब है कि प्रदेश में 9,203 मेगावाट (मेगावाट) की कुल क्षमता वाली 23 जल विद्युत परियोजनाएं हैं जो नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी), नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी), भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी), सतलुज जल विद्युत, निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) और इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स (आईपीपी) जैसी एजेंसियों द्वारा संचालित की जाती हैं। 


इस दौरान पंजाब और हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में बाढ़ का कारण पोंग, पंडोह और मलाणा बांधों से पानी छोड़ा जाना बताया गया है. ऐसे में पानी के निर्वहन को लेकर सुरक्षा मुद्दों पर शुक्रवार को एक बैठक हुई जिसमें कहा गया कि 2015 के दिशानिर्देश  मुताबिक बांध सुरक्षा अधिनियम (डीएसए) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुपालन में बांध अधिकारियों की विफलता पर एक्शन लिया जाना चाहिए और डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. 


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