McLeod Ganj Temple: पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज के भागसूनाग स्थित प्राचीन मंदिर की वेबसाइट तैयार की जाएगी. मंदिर में ई-दर्शन व्यवस्था पर भी कार्य होगा.  वहीं पहाड़ी शैली के अनुरूप मंदिर के गेट को आकार दिया जाएगा. आईटी युग में श्रद्धालु किसी भी स्थल पर जाने के लिए टेक्निक का सहारा लेते हैं, ऐसे में मंदिर की वेबसाइट होगी, तो इससे यहां आने वाले लोगों को आसानी होगी और मंदिर के संबंध में व्यापक जानकारी उपलब्ध हो पाएगी.


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बता दें, भागसूनाग मंदिर में धर्मशाला सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों, विभिन्न राज्यों के साथ विदेशों से भी लोग आते हैं. कई लोगों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है. जानकारी के अनुसार, मंदिर के विकास को लेकर मंदिर ट्रस्ट की बैठक एसडीएम धर्मशाला एवं मंदिर सहायक आयुक्त धर्मेश रमोत्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई.  जिसमें कुछ दुकानों, रसोई घर और पुराने जर्जर भवन के स्थान पर नए भवन निर्माण व जूता घर बनाने को लेकर चर्चा की गई. 


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भागसूनाग मंदिर में महिलाओं के स्नान के लिए एक कुंड बना हुआ है, जिसका वर्तमान में प्रयोग नहीं हो पा रहा है. बैठक में निर्णय लिया गया कि अब इस कुंड को ठीक करके उपयोग में लाने लायक बनाया जाएगा.  मंदिर के गेट को भी पहाड़ी शैली में विकसित किया जाएगा. साथ ही सभी रुके कार्यों को फिर से शुरू किया जाएगा. 


भागसूनाग मंदिर की एक वेबसाइट बनाई जाएगी.  आईटी के युग में श्रद्धालु इंटरनेट के माध्यम से जानकारी एकत्रित करके भ्रमण के लिए आते हैं, ऐसे में मंदिर की वेबसाइट रहेगी, तो निश्चित तौर पर लोगों को आसानी होगी.  प्रयास किया जाएगा कि जल्द से जल्द मंदिर की वेबसाइट बनाकर मंदिर के संबंध में व्यापक जानकारी उपलब्ध करवाई जा सके.  साथ ही मंदिर में वीआईपी व ई-दर्शन की सुविधा हो, इस बारे में भी विचार विमर्श किया जा रहा है.