भूषण शर्मा/नूरपुर: हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने आज नूरपुर में अपनी मांगों को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी जताई. हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव विकास ठाकुर ने कहा कि चिकित्सकों की अग्रिम भर्ती के समय सरकार ने एनपीए बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन हाल ही में विशेषज्ञों व चिकित्सकों की नियुक्ति के समय इसे वेतन से हटा दिया गया. 


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उन्होंने कहा कि 3 अगस्त 2023 को जारी अधिसूचना के तहत विशेषज्ञों का वेतन 33,660 रुपये कर दिया गया जबकि 27 जुलाई 2022 को विशेषज्ञों का वेतन 40,392 था. साथ ही कहा कि राज्य में विशेषज्ञों व डॉक्टरों का पहले से ही अभाव है. ऐसे में विशेषज्ञ व डॉक्टर बाहरी राज्यों की ओर रुख करेंगे. उन्होंने कहा कि कई सीएमओ और बीएमओ को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है, जिससे विभाग का कार्य प्रभावित होता है. उन्होंने इन पदों पर रेगुलर नियुक्ति की मांग की. 


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विकास ठाकुर ने 4/9/14 के तहत पदोन्नति की मांग की. उन्होंने कहा कि जहां सभी विभागों में 4/9/14 के तहत प्रमोशन की व्यवस्था दी गई है, वहीं स्वास्थ्य विभाग में पदोन्नति के बहुत कम अवसर मिलते हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के पदों पर उन्हें पुनः सेवा विस्तार दे रहा है जो कि किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि जब सेवानिवृत्त अधिकारी को फिर उसी पद पर सेवा विस्तार दिया जाएगा तो अपनी पदोन्नति की आस में बैठे अन्य स्वास्थ्य अधिकारी कभी प्रमोट ही नहीं हो पाएंगे.


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डॉ. विकास ठाकुर ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशक, उप स्वास्थ्य निदेशक और खण्ड चिकित्सा अधिकारियों के कई पद खाली चल रहे हैं. उन्होंने इन रिक्त पड़े पदों को योग्यता और वरीयता के आधार पर जल्द भरने की मांग की. डॉ. विकास ठाकुर ने कहा कि उनकी मांगें पूरी तरह व्यवहारिक और प्रदेश हित में हैं. वो सरकार से मांग करते हैं कि इन मांगों को अतिशीघ्र भरा जाए. 


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