विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट बैठक में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत हमीरपुर और ऊना को नगर निगम बनाने के साथ ही नगर पंचायत में कई ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करने पर मंजूरी के बाद नोटिफिकेशन जारी की गई थी, वहीं नगर पंचायतों में शामिल ग्रामीण इलाकों के लोगों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा था. इसी के मद्देनजर बिलासपुर जिला के नैनादेवी विधानसभा क्षेत्र के तहत स्वारघाट को भी नगर पंचायत में शामिल किया गया है, जिसे लेकर नैनादेवी से विधायक रणधीर शर्मा ने अपना विरोध जाहिर किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सर्किट हाउस बिलासपुर में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बिना जनता की मांग और सुझाव के ही स्वारघाट को नगर पंचायत बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें कुटैला और मंझेड़ पंचायतों को भी शामिल किया गया है. इस पर अधिसूचना जारी होने के बाद स्थानीय लोगों से दो सप्ताह के भीतर आपत्तियां मांगी गई थीं. 90 प्रतिशत लोगों द्वारा हस्ताक्षर करके आपत्ति दर्ज की गई थी. इसके बावजूद इस अधिसूचना को वापिस नहीं लिया गया है, जिससे लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है. 


Jagat Singh Negi ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा BJP प्रदर्शन करे लेकिन...


रणधीर शर्मा ने कहा कि स्वारघाट को नगर पंचायत बनाने से यहां के ग्रामीण जहां मनरेगा की सुविधा से वंचित रह जाएंगे, वहीं टीसीपी जैसी संस्था काम शुरू कर देगी. इससे घर और पशुशाला बनाने के लिए भी लोगों को नक्शा पास करवाना पड़ेगा. इसके साथ ही विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि स्वारघाट को नगर पंचायत बनाने आवश्यकता नहीं है, बल्कि डिग्री कॉलेज खोले जाने की ज्यादा आवश्यकता है जो पूर्व भाजपा सरकार में खोला गया था और वर्तमान कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही उसे बंद करने का काम किया है. रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण इलाकों का विकास करवाने पर जोर दे ना कि नगर पंचायत बनाने पर. 


वहीं, रणधीर शर्मा के बयान पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन मार्ग बनने से स्वारघाट और आस पास का इलाका प्रभावित हुआ है. ऐसे में स्वारघाट के विकास के लिए और टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के मकसद से ही प्रदेश सरकार ने स्वारघाट को नगर पंचायत बनाने का निर्णय लिया था ताकि वहां सड़कों का निर्माण हो, पार्कों का निर्माण हो. स्वारघाट ऐसी जगह है जहां एसडीएम कार्यालय, बीडीओ कार्यालय, आईटीआई, अस्पताल व तहसील कार्यालय भी हैं. इन सभी बातों को देखते हुए ही स्वारघाट को नगर पंचायत बनाया जा रहा था, लेकिन स्थानीय विधायक इसका विरोध कर रहे हैं, जिससे साफ हो जाता है कि वह स्वारघाट का विकास देखना नहीं चाहते हैं.


WATCH LIVE TV