देवेंद्र वर्मा/नाहन: देशभर में जहां आज अभिभावक सरकारी स्कूलों से किनारा कर निजी स्कूलों की ओर अपने बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं, वहीं एक निजी स्कूल के शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को आकर्षित करने के लिए अलग-अलग प्रयोग करते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर चुके हैं और ये आज अन्य शिक्षकों के लिए मिसाल बने हैं. हम बात कर रहे हैं नाहन विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टोकियों के प्रधानाचार्य संजीव अत्री की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टोकियों के प्रधानाचार्य डॉ. संजीव अत्री सिनेमा, आधुनिकता, स्काउट एंड गाइड, नशे जैसी बुराई के प्रति लोगों को जागरूक के साथ अन्य कई क्षेत्रों में वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर चुके हैं. शिक्षक संजीव अत्री को इसके लिए कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिल चुके हैं.


ये भी पढे़ं- Himachal Pradesh के मानसून सत्र को लेकर बीजेपी बना रही बड़ी रणनीति


नाहन में मीडिया से बातचीत करते हुए संजीव अत्री ने बताया कि उन्हें शिक्षा विभाग में कार्य करते हुए 33 वर्ष बीत चुके हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के 30 वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण बच्चों के चउमुखी विकास के लिए कार्य किया है. उन्होंने बताया कि चिल्ड्रन साइंस में उन्होंने विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है.


संजीव अत्री ने बताया कि उन्होंने सिनेमा को शिक्षा के साथ जोड़ने का एक अभिनव प्रयोग किया, जिसमें उन्होंने शैक्षणिक फिल्में बनाकर पांच बार विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में प्रतिभागिता का अवसर प्रदान करवाया. उन्होंने बच्चों के माध्यम से फिल्में बनाकर एक अंतर्राष्ट्रीय व एक राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार लेने में भी सफलता हासिल की. उन्होंने बताया कि उनके निर्देशन में स्काउट एंड गाइड में 14 बच्चों ने राष्ट्रपति पुरस्कार जबकि 36 बच्चों ने राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त किया है. 


ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिक्षकों को किया सम्मानित


संजीव अत्री ने बताया कि वह लगातार शैक्षणिक अभिनव प्रयोग करते रहते हैं, जिसके तहत उन्होंने 16 छात्रों के साथ 108 घंटे लगातार पढ़ाने का  वर्ल्ड रिकॉर्ड भी स्थापित किया. हाल ही में उन्होंने एक 20 फीट लंबा विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल पेन बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया है. यह पेन शिक्षक की अनुपस्थिति में भी स्कूल में बच्चों को पढ़ाता है. 


पैन के माध्यम से बच्चे किसी भी शिक्षक की आवाज में किसी भी विषय की शिक्षा ले सकते हैं. इसके अलावा यह डिजिटल पेन स्कूल की पहरेदारी भी करता है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल केवल परीक्षा पास करने का केंद्र नहीं होना चाहिए. यहां बच्चों को उसकी रुचि के अनुसार आगे बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए.


ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा व मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में बतौर सिविल जज बने दो भाई


उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों की गाइडेंस व काउंसलिंग के लिए बेहद चिंतित रहते हैं. इसके साथ ही कहा कि वह जापान से एक तकनीक सीखकर यहां इस्तेमाल में ला रहे है, जिसके माध्यम से बच्चों के फिंगरप्रिंट लेकर बच्चा भविष्य में किस फील्ड में जाएगा, यह रिपोर्ट तैयार की जा सकती हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा उन्होंने गुटका पान मसाला बंद करवाने को लेकर अकेले 14 साल लड़ाई लड़ी, जिसे बंद करवाने में वह सफल भी हुए. इसके लिए उन्हें कई नेशनल अवॉर्ड भी मिले हैं.


WATCH LIVE TV