विपन कुमार/धर्मशाला: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा है कि प्रदेश में सुख की सरकार नहीं सूखी सरकार है. सरकार पर तंज कसते हुए परमार ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जिस तरह व्यवस्था परिवर्तन की बात कह रहे हैं, ऐसा न हो कि व्यवस्था परिवर्तन करते-करते सरकार का परिवर्तन हो जाए.


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परमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में केंद्र से आई आपदा को राहत की बंदरबांट की जा रही है. ऐसा लगता है कि सरकार आपदा में भी संभावनाएं तलाश रही है. सोमवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता में परमार ने आरोप लगाया कि केंद्र की ओर से भेजी गई राहत राशि प्रभावितों को न मिलकर चहेतों को बांटी जा रही है. 


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मंत्रिमंडल को लेकर परमार ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में कांगड़ा से 4 नेता मंत्रिमंडल में थे, जबकि कांग्रेस ने कांगड़ा से मात्र एक मंत्री बनाया है. उन्होंने कहा कि कई नेता कतार में हैं. कईयों के नाम तो उछाले जाते हैं, लेकिन बाद में वापिस ले लिए जाते हैं. यह कांगड़ा की जनता के साथ षडयंत्र है या यूं कहें कि जिला का एक तरह से मर्डर किया जा रहा है. परमार ने कहा कि 7 माह में की गई घोषणाएं धरातल पर नहीं उतर पाई हैं. कोरोना काल में दो साल तक जान पर खेल कर सेवाएं देने वाले 10 हजार कोरोना वॉरियर्स को बिना वेतन काम करना पड़ रहा है. सरकार इन्हें बेरोजगार करने पर उतारू है.


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परमार ने कहा कि कांग्रेस नेता विपक्ष में रहते हुए जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे, आज उन्हीं अधिकारियों को सलाहकार बनाया जा रहा है. आलम यह है कि सरकार में आपसी तालमेल नहीं है. ऐसा लगता है कि सरकार अपनों से ही डरी हुई है. प्रदेश में सरकार संवेदनहीन है, लेकिन विपक्ष मजबूत है और संवेदनशील है. इस अवसर पर प्रदेश भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर, विधायक कांगड़ा पवन काजल, जिला अध्यक्ष कांगड़ा सचिन शर्मा, संजय शर्मा सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे.


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