कोमल लता/मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में कई रहस्यमयी मंदिर होने के चलते इसे 'छोटी काशी' के नाम से भी जाना जाता है. यहां के सभी मंदिरों की कहानी भी हैरान करने वाली है. बता दें, मंडी जिला में त्रिलोकनाथ शिव मंदिर, भूतनाथ मंदिर, श्यामाकाली मंदिर, अर्द्धनारीश्वर मंदिर, कमाक्षा मंदिर और भीमाकाली जैसे कई बड़े मंदिर हैं. इन्हीं में से एक है शिकारी देवी मंदिर जो रहस्यों से भरा हुआ है. इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि यहां आज तक छत नहीं बन पाई है.       


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मंडी जिला की सिराज घाटी में 3359 मीटर की ऊंचाई पर पांडवों द्वारा बनाया गया शिकारी माता मंदिर जो देशभर में प्रसिद्ध है. इस मंदिर के भवन में 'शिकारी माता' बिना छत के सिर्फ दीवारों पर विराजमान हैं. माता की नवदुर्गा मूर्ति, चामुंडा, कमरूनाग मंदिर मंडी और परशुराम की मूर्तियां भी यहां स्थापित की गई हैं.


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यह मंदिर मंडी में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां देवी माता खुले आसमान के नीचे रह रही हैं. शिकारी माता को 'योगिनी माता' भी कहा जाता है. यहां के पुजारी सुरेश शर्मा ने बताया कि पांडवों ने यहां तपस्या कर मां दुर्गा को प्रसन्न किया था और पांडवों को कौरवों के खिलाफ युद्ध में जीत का आशीर्वाद दिया था. 


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सर्दियों के मौसम में यहां छह से सात फीट तक बर्फ गिरकर जम जाती है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह बर्फ भी माता की मूर्ती पर नहीं टिक पाती है और ना ही इस मंदिर के ऊपर छत टिक पाती है, जिसे दैवीय चमत्कार के रूप में देखा जाता है. बता दें, हाल ही में शारदीय नवरात्रि शुरू होने से एक दिन पहले ही सिराज के शिकारी माता मंदिर की चोटी पर 2 घंटे बर्फबारी हुई, लेकिन भक्तों की श्रद्धा ऐसी थी कि बर्फबारी के बीच में भक्त मां  के दर्शन के लिए यहां पहुंचे. 


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