राकेश मालही/शिमला: शिमला विधानसभा में विपक्षी विधायक की भूमिका अदा करने वाली ऊना गर्ल्स स्कूल की छात्रा सिमरप्रीत कौर का स्कूल प्रशासन की तरफ से भव्य स्वागत किया गया. सिमरप्रीत ने छोटी उम्र में हासिल की बड़ी उपलब्धि जिले का नाम रोशन किया. सिमरप्रीत से काफी बच्चे प्रभावित हुए हैं. वहीं, समरप्रीत के माता पिता ने कहा कि बेटी ने स्कूल और जिले का नाम रोशन किया. 


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हिमाचल प्रदेश के शिमला विधानसभा में बाल सत्र में भाग लेने वाली गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल  की छात्रा सिमरप्रीत कौर का स्कूल पहुंचने पर स्कूल प्रशासन की तरफ से भव्य स्वागत कर सिमरप्रीत को सम्मानित किया गया. साथ ही  मिठाई बांटी गई. इस दौरान सिमरप्रीत के माता-पिता भी उसके साथ मौजूद रहे.


बता दें, सिमरप्रीत  एक गरीब परिवार से हैं.  सिमरप्रीत कौर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की इस सत्र के लिए लगभग 50,000 छात्रों ने आवेदन किया था. जिसमें से 25,000 छात्र पंजीकृत हुए और उनमें से 1,068 बच्चों की वीडियो को चुना गया . फिर उसमें से भी प्रदेश भर से 68 बच्चों को इस बाल सत्र में भाग लेने के लिए चुना गया. 


सिमरप्रीत ने विधानसभा के अंदर अपना बेहतर प्रदर्शन किया और एक विधायक की भूमिका में अपना अच्छा प्रदर्शन किया. छात्र के मुताबिक इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है और इसका श्रेय वह अपने टीचर और स्कूल प्रशासन और अपने माता-पिता को देती है. जिनकी बदौलत  वो यहां तक पहुंचने में सफल रही. 


छात्रा के मुताबिक विधानसभा में उन्हें मुख्यमंत्री से भी मिलने का मौका मिला और विधानसभा में किस तरह क्या-क्या कार्रवाई होती है. क्या-क्या मुद्दे उठाए जाते हैं.  इसके बारे में भी उन्हें जानकारी हासिल करने का मौका मिला. छात्रा ने कहा कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की वो विधानसभा पहुंचेगी और वहां पहुंचने पर विधायक की भूमिका के तौर पर प्रदेश की समस्याओं को उठाने का उन्हें मौका मिलेगा. 


वहीं, प्रधानाचार्य ने प्रदेश सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया. जिन्होंने बच्चों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनका आत्मविश्वास और हौसला बढ़ाया.  विद्यालय की छात्रा की इस उपलब्धि पर समूचा स्टाफ हर्ष का अनुभव कर रहा है. 


उन्होंने कहा की सिमरप्रीत ने छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर स्कूल ही नहीं बल्कि जिले का नाम भी प्रदेश भर में रोशन किया ह.  वहीं, अन्य अध्यापकों की माने यह छात्रा पढ़ने में होनहार है और ऐसे में उन्हें विधानसभा पहुंचाने के लिए टीचरों द्वारा उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया था जिसके दम पर वह विधानसभा पहुंचने में सफल रही है.