HMPV Virus: ह्यूमन मोटान्यूमो वायरस (Human Metapneumovirus) से निपटने के लिए हमीरपुर जिला स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. अस्पतालों में जहां बिस्तरों का इंतजाम किया जाएगा. वहीं ऑक्सीजन की भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी. संक्रमण की चपेट में आने वाले व्यक्ति को तुरंत उपचार सुनिश्चित किया जा सके इसके लिए प्रबंध किए जाएंगे.


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फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया से पीड़ित उपचार के दिन मरीजों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग लेगा. सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा. हालांकि इस लैब का चयन प्रदेश सरकार की तरफ से किया जाना है. सूत्रों की माने तो कोई एक लैब डिसाइड की जाएगी. जहां पर एचएमपीवी वायरस के सैंपल की जांच होगी.


वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं!
इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग लोगों को इस वायरस के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए प्रचार प्रसार करने जा रहा है. लोगों को इस संक्रमण के बारे में जागरूक किया जाएगा. ताकि लोग इसे लेकर ज्यादा चिंतित ना हो. माना यह भी जा रहा है कि यह वायरस काफी पुराना है तथा ज्यादा खतरनाक नहीं है. भारतवर्ष में इसके कुछ मामले सामने आए हैं जिसे लेकर हिमाचल स्वास्थ्य विभाग भी पुख्ता इंतजाम करने में लग गया है.


हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
बता दें, कि एचएमपीवी वायरस का संबंध चीन से बताया जा रहा है. पहले कोरोना वायरस भी चीन से ही निकला था, जिस कारण अब इसको भी चीन से जोड़ा गया है. ऐसे में लोग इसे लेकर ज्यादा चिंतित हैं. भारतवर्ष में भी इस वायरस से संक्रमित कुछ लोग पाए गए हैं जिसके बाद हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग पुख्ता इंतजाम करने में जुटा हुआ है. 


वायरस को लेकर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक
जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ कुछ दिन पूर्व भी प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने एक मीटिंग की है और पुख्ता इंतजाम करने के लिए कहा है. निर्देश प्राप्त होने के बाद अब जिला स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में बिस्तर की बेहतर व्यवस्था करेगा तथा ऑक्सीजन का भी प्रबंध किया जाएगा. सिर्फ उन्हीं लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे जो कि अस्पताल में उपचाराधीन होंगे और फेफड़ों के संक्रमण तथा निमोनिया से पीड़ित होंगे.


स्वास्थ्य विभाग लोगों को इस वायरस की जानकारी देने का करेगा काम
हालांकि अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से सैंपल टेस्टिंग के लिए लैब निर्धारित नहीं की गई है. प्रदेश सरकार जिस लैब को निर्धारित करेगी वहां पर ही सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को इस वायरस की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए प्लान तैयार कर रहा है. लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग फील्ड में तैनात कर्मचारियों की मदद लेगा. 


यह वायरस 2001 में सामने आया था
अस्पताल उपचार के लिए आने वाले लोगों को भी इसकी जानकारी दी जाएगी तथा रोकथाम के बारे में बताया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह वायरस कोई नया नहीं है और यह वर्ष 2001 में सामने आया था. इसके लक्षण सर्दी खांसी बुखार जुखाम होते हैं.


पहले उपचाराधीन लोगों के सैंपल लिए जाएंगे
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय जगोता ने बताया कि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है. अस्पतालों में बिस्तर की व्यवस्था से लेकर ऑक्सीजन के उचित प्रबंध किए जा रहे हैं. फेफड़ों के संक्रमण तथा निमोनिया से पीड़ित अस्पताल में उपचाराधीन लोगों के सैंपल लिए जाएंगे. प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लैब निर्धारित की जाएगी जहां पर सैंपल भेजे जाएंगे.


रिपोर्ट- अरविंदर सिंह, हमीरपुर