Manali News: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू से लेकर लाहौल के लाखों स्थानीय लोग व होटल, होम स्टे व रेस्तरा संचालक 21 जून से परेशानी झेल सकते हैं.  ऐसा इसीलिए कि दोनों ही जिले के इकलौते कूड़ा संयंत्र केंद्र में कूड़ा रखने के लिए जगह ही नहीं बची है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शिमला से शर्मसार करने वाला मामला आया सामने, 11 छात्राओं ने अश्लील तरीके से छूने का अधेड़ व्यक्ति पर लगाया आरोप


लाहौल और कुल्लू से प्रतिदिन 60 टन से अधिक कूड़ा मनाली के इस डम्पिंग केंद्र में लाया जा रहा है. आलम यह है की कूड़े के सही से निपटारे न होने के लिए हाल ही में NGT द्वारा नगर परिषद मनाली को 4 करोड़ 60 लाख का जुर्माना किया गया है.  अप्रैल महीने में उपायुक्त कुल्लू की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें सभी नगर परिषदों व पंचायतों को अपने कूड़े के निष्पादन की खुद व्यवस्था करने को कहा गया था. उपायुक्त के निर्देश पर ही नगर परिषद मनाली ने अपने अधिकारिक क्षेत्र से बाहर के कूड़े कचरे को 21 जून के बाद नहीं लेने का निर्णय लिया था. 


इस महत्वपूर्ण मामले पर नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर ने कहा कि मनाली कूड़ा सयंत्र केंद्र में क्षमता से तीन गुणा अधिक कूड़ा कचरा आ रहा है. रांगड़ी स्थित कूड़ा सयंत्र केंद्र मात्र अपने शहर का व साथ लगती पंचायतों के कूड़े का निष्पादन कर सकती है, लेकिन इस सयंत्र केंद्र में लाहौल के सरचू से लेकर, कुल्लू के जलोड़ी जोत तक का 60 टन से अधिक कूड़ा प्रतिदिन आ रहा है. 


उन्होंने कहा कि जल्द ही उपायुक्त कुल्लू से बैठक कर आगामी निर्णय लिया जाएगा. आगे उन्होंने कहा कि उपायुक्त कुल्लू का जो भी निर्णय होगा उस पर अमल किया जाएगा और मिलजुलकर इस गम्भीर समस्या से निपटा जाएगा. एनजीटी द्वारा किए गए चार करोड़ 60 लाख के जुर्माने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस निर्णय के विरुद्ध नप मनाली माननीय उच्च न्यायालय जाएगी. 


माननीय उच्च न्यायालय से नप मनाली को न्याय मिलने की उम्मीद है. पिछली कार्यकारिणी के साथ नेक्सजन कम्पनी ने वेस्ट टू एनर्जी बनाने का करार किया था, जो स्कीम पूरी तरह से फेल हो चुकी है. 


स्टोरी बाई- संदीप सिंह, मनाली