Mandi News: देवभूमि हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में हिमाचल में नशे के बढ़ते व्यापार से प्रभावित हो रहा है. यह समस्या न केवल युवाओं के जीवन को बर्बाद कर रही है बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है. 


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इसी कड़ी में मंडी जिला पुलिस द्वारा वर्ष 2024 में नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाते हुए करोड़ों रुपए के नारकोटिक्स को पकड़ा गया है. जिला पुलिस ने अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत कुल 218 एफआईआर दर्ज करते हुए 281 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है. 


इसमें पुलिस ने 270 पुरुष और 11 महिला तस्करों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है. इसके साथ पुलिस ने 16 नारकोटिक्स बरामदगी मामलों में कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ इकोनामिक इन्वेस्टिगेशन भी अमल में लाई गई है. 


जिला मंडी पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जिला मंडी के विभिन्न थानों के अंतर्गत नशा माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 54.185 किलोग्राम चरस, 1.38 किलोग्राम हेरोइन(चिट्टा) 642 ग्राम अफीम, 6.09 ग्राम स्मैक, 8.234 किलोग्राम भुक्की और 77 नशीली दवाएं बरामद की हैं. 


पुलिस ने नशे की खेती पर शिकंजा कसते हुए 5 मामलों में 9 लाख 26 हजार 160 चरस और 23 मामलों में 1 लाख 98 हजार 183 अफीम के पौधे नष्ट किए हैं. साक्षी वर्मा एसपी मंडी ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में ड्रग्स के व्यापार में उत्पादन को लेकर दो प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.


इसमें कुल्लू और मंडी के विभिन्न क्षेत्रों में उगाई जाने वाली कैनबीस और अफीम पहली चुनौती है. प्रदेश से बाहरी राज्यों में जाने वाली नशे की सप्लाई चैन को तोड़ने का पुलिस का टारगेट रहता है. उन्होंने कहा कि नशे के व्यापार में चिंता का विषय बन चुकी सिंथेटिक ड्रग हेरोइन पर अंकुश लगाना दूसरी बड़ी चुनौती पुलिस के सामने है. 


सिंथेटिक ड्रग्स प्रदेश में बाहरी राज्यों से सप्लाई की जाती हैं और इसका उपयोग करने वाले लोग मंडी जिला में मौजूद हैं. इसे जिला और बाहरी क्षेत्रों में भी सप्लाई किया जा रहा है. साक्षी वर्मा ने कहा कि पुलिस का लक्ष्य मुख्य तौर पर हेरोइन तस्करी पर रहता है. 


रिपोर्ट- नितेश सैनी, मंडी