विपन कुमार/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में कितने बंदर हैं, इसका नया डाटा जल्द सामने आएगा. प्रदेश में चार साल बाद बंदरों की गणना की जा रही है. बंदरों की गणना की प्रक्रिया तीन दिन तक चलेगी, जिसके लिए विभाग की ओर से 26 से 28 दिसंबर का समय तय किया गया है. गणना से पहले फील्ड स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके लिए कार्यशाला 12 दिसंबर को धर्मशाला में आयोजित की जाएगी.


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गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2019 में बंदरों की गणना की गई थी. सूत्रों के अनुसार, उस समय प्रदेश भर में 3.16 लाख बंदर होने का डाटा तैयार किया गया था. अब चार साल बाद फिर से बंदरों की गणना की जा रही है. डाटा आने के बाद पता चल पाएगा कि बंदरों की संख्या में कितना इजाफा हुआ है. जानकारी के अनुसार, विभाग की ओर से ट्रैक तय किए जाते हैं, जिन ट्रैक पर चलते हुए वन्य प्राणी विभाग का स्टाफ बंदरों की गणना करता है. बंदरों की गणना कार्य को वन्य प्राणी विभाग द्वारा बाहरी राज्य की एक संस्था के माध्यम से पूरा किया जाएगा. 


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बंदरों की गणना के कार्य को अंजाम देने वाले फील्ड स्टाफ के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 12 दिसंबर को धर्मशाला कॉलेज ऑडिटोरियम में किया जाएगा, जिसमें धर्मशाला वाइल्ड लाइफ, धर्मशाला टेरिटोरियल, हमीरपुर टेरिटोरियल व चंबा टेरिटोरियल का स्टाफ कार्यशाला के लिए धर्मशाला आएगा. कार्यशाला में स्टाफ को बंदरों की गणना कैसे करनी है और किन बातों का ध्यान रखना है, इसकी जानकारी दी जाएगी. 


इसी माह तीन दिनों तक बंदरों की गणना कार्य, वन्य प्राणी विभाग द्वारा बाहरी राज्य की एक संस्था के साथ मिलकर किया जाएगा. गणना के डाटा को सॉफ्टवेयर में लोड करने के साथ वेरिफाई भी किया जाता है, जिसकी प्रोसेसिंग में कुछ माह का समय लग जाता है. इसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है. गणना करने वाले स्टाफ को 12 दिसंबर को ट्रेनिंग भी दी जाएगी.


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