देवेंद्र वर्मा/शिलाई: हिमाचल प्रदेश में कुछ दिन पहले हुई बारिश के बाद हालात काफी खराब हो गए हैं. नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आ रही है जबकि कुछ जगहों पर लैंडस्लाइड हो रहा है. पांवटा साहिब में भी इस समय हालात कुछ सही नहीं हैं. यहां भी लैंडस्लाइड के कारण काफी नुकसान हुआ है. लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है. खासकर यहां एमरजेंसी सेवाएं भी बाधित हो गई हैं. ऐसे में लोगों की परेशानी और बढ़ गई है. 


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NH 707 पर बारिश के दौरान देवदार का बेशकीमती जंगल तबाह
सिरमौर जिला में शिलाई उपमंडल के कांडो भटनोल में NH 707 पर बारिश के दौरान देवदार का बेशकीमती जंगल तबाह हो गया. यहां करीब 700 से 800 पेड़ भूस्खलन की चपेट में आ गए. बता दें, यह मार्ग बीते चार दिन से यातायात के लिए पूरी तरह बंद है. भारी बारिश के कारण यहां एक दर्जन से अधिक स्थानों पर लैंडस्लाइड हुआ है. 


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NH 707 में अभी से आने लगीं दरार
बता दें, NH 707 पांवटा साहिब शिलाई गुम्मा का करीब 1350 करोड़ की लागत से विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां वैज्ञानिक तरीके से सड़क की कटिंग की जा रही है जो भूस्खलन की सबसे बड़ी वजह है. लोगों का कहना है कि लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण जहां वनसंपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है, वहीं कई स्थानों पर लोगों के मकान गिरने का खतरा भी लगातार बना हुआ है. स्थानीय लोगों ने नेशनल हाइवे के निर्माण में भी लापरवाही का आरोप लगाया है, क्योंकि यहां अभी से बड़ी-बड़ी दरारें आने लगी हैं. 


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शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई
गौरतलब है कि, एनएच 707 का निर्माण कार्य शुरुआत से ही विवादों में रहा है. अब बरसात में निर्माणाधीन इस नेशनल हाइवे ने लोगों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. हैरानी इस बात की है कि एनएच प्रबंधन व जिला प्रशासन को कई बार शिकायत करने के बावजूद इस हाइवे के निर्माण कार्य में जुटी कंपनियों पर कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा है.


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