Paonta Sahib News: छठी क्लास में पढ़ने वाला स्वस्थ तंदुरुस्त छात्र राघव अब इस दुनिया में नहीं है. स्कूल में रेस लगाने के बाद राघव की तबियत बिगड़ी और कुछ ही समय में उसकी मौत हो गई. परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया है. रोते बिलखते माता-पिता और परिजन अब चीख-चीख कर पूछ रहे हैं कि आखिर उनके बच्चे की मौत कैसे हुई. हालांकि इस मामले में पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और बच्चे का पोस्टमार्टम भी करवाया गया है, लेकिन तीन दिन बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर मौत का कारण क्या रहा. 


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परिजनों का आरोप है कि बच्चे को किसी बात की सजा दी गई थी. उसे बाद में जबरन ग्राउंड में दौड़ाया गया था. इस दौरान उसकी तबीयत खराब हुई. इसके बाद स्कूल में तैनात नर्स ने बच्चे की जांच की और उसे नजदीकी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि अस्पताल में इलाज के दौरान छठी कक्षा के छात्र राघव की मौत हो गई. राघव की संदिग्ध मौत कई सवाल छोड़ गई है. आखिर ऐसे क्या कारण थे कि एक स्वस्थ बच्चा दौड़ लगाने के बाद अचानक इस अवस्था में पहुंच गया?


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स्कूल और अस्पताल में बच्चों को उचित फर्स्ट एड और इलाज क्यों नहीं दिया गया. हालांकि कुछ कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चल पाएगा, लेकिन परिजनों ने इसके अलावा जो आरोप लगाए हैं वह भी बेहद गंभीर हैं. परिजनों का कहना है कि राघव को लंच करने के तुरंत बाद क्यों दौड़या गया, जब उसने तबीयत खराब होने की बात कही तो उसे आराम क्यों नहीं करने दिया गया. इन सब सवालों के जवाब अब पुलिस को ढूंढने होंगे, क्योंकि मामला स्कूल छात्रा की स्कूल में मौत से जुड़ा होने के कारण बेहद गंभीर हो जाता है.


वहीं, दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन आरोपों को निराधार बता रहा है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चों को सामान्य तौर पर खेल के मैदान में दौड़ाया जा रहा था. राघव की पहले से तबियत खराब होने की बात किसी को पता नहीं थी. स्कूल के निदेशक गुरजीत सिंह ने बताया कि जैसे ही राघव की तबियत खराब होने की बात पता चली उसे तुरंत अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया गया. उन्होंने कहा कि स्कूल मामले की जांच में हर तरह से सहयोग करने को तैयार है.


(ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब)