Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजक, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बिलासपुर दौरे के दौरान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय रौड़ा सेक्टर में हिमाचल प्रदेश के दूसरे स्पेस लैब और बिलासपुर जिला के पहले एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग क्लासरूम का उद्घाटन किया है. 


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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह स्पेस लैब बिलासपुर के शिक्षा सुधार अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विद्यार्थियों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) के प्रति रुचि जगाने के लिए स्थापित की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस स्पेस लैब में ड्रोन, 3डी प्रिंटर, टेलिस्कोप और इसरो मिशन के मॉडल उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स और एयरोस्पेस तकनीक में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेंगे.


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इसके साथ ही छात्रों को सैटेलाइट कम्युनिकेशन और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसे विषयों की गहन जानकारी भी दी जाएगी, जो वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण होती जा रही हैं. वहीं, मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि स्पेस लैब को आसपास के सभी स्कूलों के छात्र जाकर देख सकेंगे और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति अपनी रुचि को बढ़ा सकेंगे. 


उन्होंने बताया कि स्पेस लैब की स्थापना के लिए एचडीएफसी बैंक ने सीएसआर फंड के माध्यम से 12 लाख रुपये का व्यय किया है. जहां एक ओर बिलासपुर के घुमारवीं में प्रदेश का पहला स्पेस लैब स्थापित हो चुका है और जिले में पांच और स्पेस लैब स्थापित करने की सरकार की योजना है. वहीं ये प्रयोगशालाएं विज्ञान शिक्षा के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में कार्य करेंगी. 


इसके अलावा इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर अहमदाबाद में शैक्षिक यात्राएं भी आयोजित की जा रही हैं. अब तक 10 छात्रों को भेजा जा चुका है व 50 और छात्रों को भेजने की तैयारी चल रही है. इसके साथ ही मंत्री राजेश धर्माणी ने जिला बिलासपुर के पहले एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग (एबीएल) क्लासरूम का उद्घाटन भी किया. 


उन्होंने बताया कि उपायुक्त बिलासपुर ने इस स्कूल को गोद लिया है और स्कूल में पहले एक्टिविटी बेस लर्निंग क्लासरूम को स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि एबीएल शिक्षा पद्धति पारंपरिक रटने की प्रक्रिया से हटकर इंटरएक्टिव और वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित है.


इसमें शिक्षक केवल मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं और समूह चर्चा, विज्ञान प्रयोगों और रचनात्मक परियोजनाओं के माध्यम से छात्रों को सक्रिय रूप से शिक्षण प्रक्रिया में शामिल करते हैं. वहीं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बिलासपुर के किसान भवन में एडिप योजना के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व रेडक्रॉस द्वारा चयनित बिलासपुर व नैनादेवी से संबंधित 140 पात्र दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग व सहायता उपकरण भी वितरित किए और प्रदेश सरकार द्वारा हर दिव्यांगजन व बुजुर्गों के लिए विभिन्न योजनाओं के ज़रिए हर संभव मदद करने की बात कही है.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज,  बिलासपुर