राजेश धर्मानी ने मत्स्य विभाग में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की, मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की कही बात
Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के नगर व ग्रामीण नियोजन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मत्स्य विभाग के निदेशालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की उन्होंने बात कही.
Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के नगर व ग्रामीण नियोजन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मत्स्य विभाग के निदेशालय कार्यालय में आयोजित बैठक की मंगलवार को अध्यक्षता की. इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ मछली के प्रसंस्करण की ओर ध्यान केंद्रित करने का मत्स्य विभाग के अधिकारियों को सुझाव दिया ताकि बाजार में मांग से अधिक उत्पादन होने पर प्रसंस्करण के माध्यम से मूल्यवर्धन मत्स्य पदार्थ बनाए जा सके और मछली उत्पादन से जुड़े लोगों को किसी भी प्रकार के हानि ना हो सके.
वहीं, राजेश धर्माणी ने मत्स्य विभाग को ऐसी योजनाओं पर काम करने का सुझाव दिया, जिससे मत्स्य उत्पादन को पर्यटन गतिविधियों के साथ जोड़ा जा सके. वहीं बैठक के पश्चात कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि बिलासपुर जिला कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन मार्ग सहित धर्मशाला-शिमला नेशनल हाईवे से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण जिला में पर्यटन गतिविधियों में बढ़ावा देखने को मिल रहा है.
ऐसे में मंडी भराड़ी से लेकर औहर और मनाली तक के क्षेत्र में फिश वेंडर जोन बनाए जाएंगे जिससे पर्यटकों को विशेष कर बिलासपुर में रोका जा सकता है और यहां से होकर जाने वाले पर्यटकों को जिला में उत्पादित मछली के बने व्यंजनों का स्वाद भी मिलेगा. इससे जिला के मछुआरों सहित युवाओं को भी बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर मिलेंगे.
राजेश धर्माणी ने विभाग को फिश फूड मेला के आयोजन करने का भी निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने जिला के विभिन्न उत्सवों और मेलों के दौरान भी विभिन्न प्रकार के मछली के बने व्यंजनों का स्टॉल लगाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार फिश पॉन्ड बनाने के लिए 80 प्रतिशत तक लोगों को सब्सीडी दे रही है और इस तरह की योजनाओं को मनरेगा के साथ जोड़ें ताकि मछली उत्पादन से जुड़ने वाले लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके.
उन्होंने चमेरा और रणजीत सागर डैम में मछली के कम उत्पादन पर अधिकारियों को विशेष ध्यान देने और कोलडैम में स्थानीय लोगों में मछली उत्पादन और मछली पकड़ने के लिए रुचि बढ़ाने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कोलडैम क्षेत्र में लोगों को मछली उत्पादन से जोड़ने के लिए सभी संभावनाएं तलाशने के लिए विभाग को निर्देश दिए गए. ताकि कोलडैम में भी अधिक से अधिक मछली का उत्पादन हो सके, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2023-24 के दौरान 17,721.64 मीट्रिक टन मछली का मछली का उत्पादन किया गया, जिससे 273.49 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है, जो पिछले वर्ष से लगभग 12 करोड़ रुपए अधिक है. वहीं वर्ष 2022-23 के दौरान 17,025.97 मेट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था.
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में ट्राउट मछली का उत्पादन किया जा रहा है जिसमें 1,442 ट्राउट यूनिट्स संचालित किया जा रहे हैं और लगभग 1,400 मिट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जा रहा है. इसके साथ ही विभाग द्वारा प्रदेश में दो ब्रूड बैंक नालागढ़ और पतली कुहल में बनाए जा रहे हैं.
इसके अलावा हमीरपुर में 25 करोड़ की लागत से एक्वा पार्क बनाया जाना विचाराधीन हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री संपदा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश को 26 करोड़ 20 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर