समीक्षा कुमारी/रामपुर: हिमाचल प्रदेश में रामपुर के समेज गांव में बादल फटने के कारण गांव ने अपने लगभग 36 लोग खो दिए हैं. इस हादसे ने गांव के हर व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया है. जी मीडिया ने इस घटना के हर पहलू को बारीकी से दिखाया. ऐसे में बादल फटने के दो सबसे बड़े कारण सामने आए हैं. पहला उनका श्रद्धा भाव और दूसरा गांव में दो हाइड्रल प्रोजेक्ट का बनना. समेज गांव में दो हाइड्रो प्रोजेक्ट थे. एक 4 मेगा वाट की क्षमता वाला ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट और दूसरा 2.2 मेगा वाट वाला एसेंट हाइड्रो प्रोजेक्ट.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोगों का कहना है कि श्रीखंड महादेव जहां से यह बादल फटा है उस जगह कोई नुकसान नहीं हुआ है. नुकसान वहां से शुरू हुआ है जहां लोगों ने गंदगी के ढेर बनाए. लोगों का कहना है कि भगवान भोलेनाथ नाराज हुए हैं, क्योंकि वहां पर कुछ लोग नशे का सेवन कर रहे हैं और इस तरह की गंदगी पवित्र स्थान पर फैला रहे हैं, जिसके कारण भगवान भोलेनाथ प्रचंड हुए हैं. श्रीखंड महादेव के पास कोई भी नुकसान नहीं हुआ है. यह भगवान की महिमा है, जिसे लोगों को अब समझना चाहिए.


Himachal Pradesh News: अचानक हिलने थे घर, लोगों ने बताया आंखों देखा तबाही का मंजर


गांव के लोगों ने बताया कि गांव के बीचो-बीच एसेंट हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए कटाई हुई है और बीचो-बीच पानी ले जाने के लिए कटाई की गई है. प्रकृति से छेड़छाड़ की गई है, जिसका भुगतान समेज गांव कर रहा है. पहले भी कंपनियों ने गांव वासियों की नहीं सुनी, जबकि समय-समय पर गांववासी अपनी बात को लेकर प्रशासनिक स्तर पर और नेताओं से मुलाकात करते रहे हैं. वहीं, अब गांव वासी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उनके लिए अलग से घर बनाने के लिए जमीन दी जाए, जिनके पास घर भी है वह भी अब यही मांग कर रहे हैं. यह एरिया सुरक्षित नहीं है. उन्हें सुरक्षित स्थान पर जमीन दी जाए. 


लोगों का कहना है कि श्रीखंड महादेव के बिल्कुल चरणों के पास बादल फटा है. शिवलिंग के थोड़े आगे से सैलाब तीन दिशाओं में फैल गया. बिल्कुल ऐसी जगह बादल फटा जहां से ये 3 इलाके तबाह हो गए. 


WATCH LIVE TV